जगन्नाथ स्वामी के उदघोषों से गुंजायमान होने जा रहा सुंदरनगर, भव्य रथ यात्रा का होगा आयोजन…..

सुंदरनगर : ऋषि मुनियों और देवी-देवताओं की भूमि सुंदरनगर में भगवान जगन्नाथ अपने श्रद्धालुओं से रूबरू होंगे। कल शुक्रवार को हंडेटी स्थित जगन्नाथ मंदिर से जंगमबाग के लिए निकलने वाली रथयात्रा के सैंकड़ों लोग भागीदार बन भगवान का आर्शीवाद प्राप्त करेंगे। हंडेटी से जंगमबाग तक निकलने वाली इस रथयात्रा में बलीभद्र और मां लक्ष्मी भी साथ होंगी। शनिवार को जंगमबाग में एक दिन का विश्राम करने के बाद रविवार को विशाल भंडारे के बाद भगवान जगन्नाथ, बलीभद्र और मां लक्ष्मी संग वापिस हंडेटी मंदिर में लौट जाएंगे। सुंदरनगर में मनाया जाने वाला यह पर्व आषाढ़ मास के दो प्रविष्टे से ओडिशा के पुरी में मनाए जाने वाले जगन्नाथ पर्व की तर्ज पर ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। जगन्नाथ मंदिर हंडेटी के पुजारी रूपेश शर्मा बताते हैं कि चंदन की लकड़ी से निर्मित इस प्राचीन मंदिर का निर्माण 250 वर्ष पूर्व हुआ था। हर वर्ष सुंदरनगर में उनकी रथयात्रा निकाली जाती है। लेकिन कोरोना महामारी के कारण बीते दो वर्षों से रथयात्रा का आयोजन नहीं हो पाया था। एक मान्यतानुसार एक फकीर इस मूर्ति को बेचने के लिए ओडिशा के तट से सुंदरनगर लाए थे। इस मूर्ति को बेचने के लिए सुकेत कोर्ट में सुनवाई के दौरान 500 रूपए का प्रस्ताव रखा गया। एक हजार रूपये में मूर्ति कुल्लू के राजा बेचने पर बात हुई। लेकिन फकीर ने मूर्ति को कुल्लू ले जाकर एक हजार रूपए में वहां के राजा को बेचने को लेकर मना कर दिया गया। इसके बाद फकीर की मृत्यु हो गई। फिर राजा के आदेशों के तहत मूर्ति को एक भवन में स्थापित कर पूजन के पूजारी का चयन किया गया। इसके पश्चात मंदिर निर्माण के लिए राजकीय कोष से पांच सौ रूपये खर्च कर भूमि प्रदान की गई।