June 10, 2023 |

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MANDI NEWS : पैतृक गांव निहरी में पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व विधायक मस्तराम, बेटों ने दी मुखाग्नि, हर आंख दिखी नम……

करसोग/सुंदरनगर : मंडी जिला की करसोग विधानसभा क्षेत्र से दो बार कांग्रेस के विधायक रह चुके मस्तराम मंगलवार को अपने पैतृक गांव निहरी में पंचतत्व में विलीन हो गए. मस्तराम को उनके बेटों ने मुखाग्नि दी और करसोग के विधायक हीरालाल नें पूर्व विधायक मस्तराम को श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पहले उनकी पार्थिव देह जब उनके पैतृक गांव निहरी पहुंची तो हर आंख नम थी. सरल और सपष्टवादी छवि के अपने नेता को अंतिम विदाई देने के लिए भारी बारिश के बीच लोगों का हुजूम उमड़ा. लोगों नें एक युग के अंत को नम आंखों के साथ विदा किया। इस अवसर पर सुंदरनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक राकेश जंवाल, पूर्व विधायक सोहन लाल ठाकुर सहित पूर्व मंत्री रूप सिंह ठाकुर सहित प्रदेश के तमाम नेताओं ने मस्तराम के निधन पर दुख व्यक्त किया।

बता दें कि सोमवार को करसोग विधानसभा क्षेत्र से दो बार कांग्रेस पार्टी के विधायक रह चुके मस्त राम ने नगर परिषद सुंदरनगर के एक निजी होटल में पंखे से फंदा लगाकर जान दे दी थी. घटना की सूचना मिलते ही प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया। मामले की सूचना होटल के मालिक द्वारा पुलिस थाना को दी गई। इसके उपरांत जांच के लिए डीएसपी सुंदरनगर दिनेश कुमार के नेतृत्व में होटल पहुंची पुलिस थाना बीएसएल कॉलोनी और सुंदरनगर की टीमों ने मौके से सुसाइड नोट बरामद किया है। पुलिस द्वारा मामले में आरएफएसएल मंडी की फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाकर जांच अमल में लाई गई।

सुबह 10:30 बजे पी चाय और लगा लिया फंदा :
पुलिस के अनुसार पूर्व विधायक रविवार शाम 4:15 पर  होटल में रहने पहुंचे थे। होटल की रिसेप्शन पर उन्होंने एंट्री के समय अपने आप को शिक्षक बताया था। सोमवार सुबह 10:30 बजे चाय पी, जिसके बाद वह कमरे से बाहर नहीं निकले। एक बजे होटल का कर्मचारी कमरे में गया तो उसने पूर्व विधायक को फंदे से लटका हुआ पाया। कमरे को अंदर से किसी भी प्रकार की चिटकनी (कुंडी) नहीं लगी हुई थी और कागज को दरवाजे पर फंसा कर बंद किया गया था।

बता दें कि 16 सितंबर 1946 को जन्मे पूर्व विधायक मस्तराम ने अपने जीवन में कई उतार चढ़ाव देखें हैं। बीते लगभग 50 वर्षों से मस्तराम कांग्रेस पार्टी के झंडाबरदार रहे हैं। मस्तराम वर्ष 1993 और 2003 में एक बड़ी बढ़त से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर करसोग विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस बार के विधानसभा चुनावों में भी मस्तराम कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रबल उम्मीदवार बताए जा रहे थे। मस्तराम ने वर्ष 1982 में शिक्षक के पद को छोड़कर राजनीति में कदम रखा और अपने राजनीतिक सफर में कई चुनावों में भाग्य अजमाया है। 
पूर्व विधायक मस्तराम की दूसरी पत्नी निर्मला चौहान भी करसोग विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी की ओर से टिकट की दौड़ में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। निर्मला चौहान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सचिव और करसोग के जिला परिषद वार्ड बगशाड़ से बतौर पूर्व जिला परिषद सदस्य भी रह चुकी हैं। निर्मला चौहान द्वारा मस्तराम को हर राजनीतिक और सामाजिक कार्यक्रम में साथ रखकर क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी की ओर से अपनी दावेदारी भी जताई गई है।

पूर्व विधायक मस्तराम से बरामद सुसाइड नोट में अपनी मौत के लिए उन्होंने किसी और को नहीं बल्कि खुद को जिम्मेदार ठहराया है। सुसाइड नोट में विधायक ने लिखा है कि उनकी मौत के लिए मेरे परिवार और होटल वालों को परेशान न किया जाए। अपनी मौत के लिए वे खुद जिम्मेदार हैं। सुसाइड नोट में यह भी लिखा कि उनके पास जो 7 हजार रुपये नकदी है, वह उनकी पत्नी निर्मला को दे दी जाए। पूर्व विधायक ने सुसाइड नोट में लिखा है कि अगर उनके कारण किसी भी प्रकार का कोई खर्च आए तो उनके परिवार से खर्च लिया जाए। इसके साथ विधायक ने सुसाइड नोट में प्रसाशन से आग्रह किया है कि उनके इस कदम को लेकर उनके परिवार और होटल के मालिक को तंग ना किया जाए।
Daily Himachal News

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