गाय के नाम पर वोट लेकर सत्ता में आई भाजपा गाय माता को भी भूली- अजय महाजन

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कांगड़ा/नूरपुर (भूषण शर्मा ): गाय के नाम पर वोट लेकर सत्ता में आई भाजपा सरकार गाय माता को भी भूल चुकी है गायों में फैली लंपी बीमारी विकराल रूप धारण कर चुकी है। इस बीमारी को रोकने के लिये सरकार द्वारा कोई भी कारगर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं नूरपुर के पूर्व विधायक अजय महाजन ने आरोप लगाया कि गोबंश में फैली बीमारी क्षेत्र में गंभीर रूप लेती जा रही है। लेकिन सरकार इसकी रोकथाम के लिए कोई भी वैक्सीन उपलब्ध नहीं करवा रही है और पशु पालकों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। महाजन ने आरोप लगाया कि प्रगतिशील हिमाचल के नाम पर हो रहे कार्यक्रमों में तो सरकार करोड़ों की राशि अपने राजनीतिक हित साधने के लिये बर्बाद कर रहीं है! लेकिन गाय माता पर आए इस संकट से बचाने के लिए प्रयोग होने वालीं वैक्सीन की उन्हें कोई ही चिंता नहीं है l महाजन ने कहा कि चुनावों के दौरान भाजपा ने वायदा किया था कि गाय के सरंक्षण और बेसहारा पशुओं की समस्या को देखते हुए प्राथमिकता से आश्रय स्थल बनाये जाएंगे! लेकिन भाजपा सरकार के लगभग पांच साल के कार्यकाल में इस बारे कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए जिससे न केवल सड़क पर दुर्घटनाएं हो रही हैं बल्कि किसानों को खेती करना भी मुश्किल हो गया है l   

महाजन ने कहा कि नूरपुर और साथ लगते विधानसभा क्षेत्रों में असंख्य दुधारू पशु उक्त बीमारी की चपेट मे आ चुके हैं जिससे लोग भारी परेशानियों से गुजर रहे हैं। सम्बन्धित विभाग वैक्सीन की आपूर्ति न होने की दुहाई देकर पल्ला झाड़ रहा है तो सरकार अपने राजनीतिक कार्यक्रमों में मस्त है l प्रदेश और क्षेत्र में दुधारू पशु किसानों की आय का एक मुख्य साधन है जिनसे दुध पैदा कर वो अपना गुजर बसर करते है। ऐसे में उनके दुधारू पशु उक्त रोग से ग्रसित होकर उपचार के लिए तरस रहे हैं। लेकिन लम्बे अर्से से आई इस बीमारी की रोकथाम के लिए सरकार नें अभी तक कोई माकूल कदम नहीं उठाए। इससे पता चलता है कि इस गंभीर विषय पर सरकार कितनी सम्वेदनशील है। महाजन ने कहा कि विगत बर्ष दुधारू पशुओं में आई खुर मुहं की महामारी ने भारी नुकसान किया था। जिससे हजारों दुधारू पशुओं की मौत हो गई थी और लोगों को भारी अर्थिक नुकसान हुआ था। न तो उस समय सरकार ने कोई मुआवजा दिया और न ही उपचार सम्बन्धी कोई राहत दी और कमोबेश आज भी वही स्थिति पैदा कर दी गई है। पशु पालकों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। महाजन ने मांग की है कि सरकार कुंभकर्णी निद्रा से जागे और पशु पालकों की समस्या के निदान के लिए कारगर कदम उठाए अन्यथा इन बेजुबान पशुओं को होने वाले नुकसान का कारण सरकार ही होगी।

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