डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी
पूर्व मंत्री एवं मंडी जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष प्रकाश चौधरी द्वारा कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहने के बाद शुक्रवार को मीडिया के समक्ष एपीएमसी मंडी अध्यक्ष संजीव गुलेरिया के खिलाफ गुस्सा फूटा है। प्रकाश चौधरी ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र का एक नेता होता है और उनके द्वारा वर्ष 1998 से लगातार बल्ह विस क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बिना नाम लिए सीएम सुख्खू के करीबी एपीएमसी अध्यक्ष संजीव गुलेरिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बल्ह विधानसभा क्षेत्र से एक कांग्रेस नेता मुहं पर कुछ और पीठे पीछे कुछ बोलता है। क्षेत्र में होने वाले विभिन्न आयोजनों को लेकर भी उस नेता द्वारा राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा कि जब सरकार द्वारा उन्हें एपीएमसी का अध्यक्ष बनाया गया है तो वह अपने कार्य को बखूबी निभाएं। लेकिन बल्ह विधानसभा क्षेत्र में इस नेता का कोई भी राजनीतिक वजूद न होने के बावजूद भी दखल दिया जा रहा है। क्षेत्र में अधिकारियों के तबादले और भाजपा से संबंधित लोगों को तबज्जो दी जा रही है। इस नेता को इसके अपने गृह क्षेत्र लेदा में भी जानता नहीं है। प्रकाश चौधरी ने कहा कि संजीव गुलेरिया भाजपा के स्थानीय विधायक के साथ बैठक करते हैं और गुणगान कांग्रेस का करते हैं। वहीं प्रकाश चौधरी ने अब अपने इस्तीफे के फैसले को कार्यकर्ताओं पर छोड़ दिया है।
जब प्रकाश चौधरी द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर एपीएमसी के चेयरमैन संजीव गुलेरिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी बल्ह में कोई हस्तक्षेप नहीं किया। वे पार्टी के एक साधारण कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं और पार्टी के ग्रास रूट से जुड़े हुए कार्यकर्ता हैं न कि किसी पैराशूट से पार्टी में आए हैं। प्रकाश चौधरी बताएं कि कहां पर हस्तक्षेप किया है। बल्ह एक रिजर्व क्षेत्र है और मैं कभी यहां से चुनाव नहीं लड़ सकता इसलिए मेरा हस्तक्षेप करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। उनके द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं।
बता दें कि कांग्रेस पार्टी से अपने इस्तीफे को लेकर प्रकाश चौधरी ने अधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट डाल कर जानकारी सांझा की गई है। प्रकाश चौधरी द्वारा कांग्रेस से बाहर का रास्ता अख्तियार करने का निर्णय लेने के बाद उनके घर पर समर्थकों का तांता लग गया है। मंडी जिला के अन्य कांग्रेस नेता भी प्रकाश चौधरी से निर्णय को वापस लेने के लिए संपर्क में हैं। पार्टी हाईकमान के सूत्रों का कहना है कि अभी तक पार्टी के पास प्रकाश चौधरी का अधिकारिक तौर पर कोई इस्तीफा नहीं पहुंचा है। इससे कहीं न कहीं हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव दिलचस्प हो गए हैं। भाजपा के पास बहुमत नहीं है लेकिन फिर भी भाजपा ने प्रत्याशी देकर कांग्रेस की नींद उडा दी है। अब प्रकाश चौधरी का इस्तीफा होना कांग्रेस को बैकफुट पर और भाजपा को फ्रंटफुट पर ले आया है।