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सुंदरनगर में सामाजिक संगठनों ने दिखाई मानवता, 85 वर्ष के बेसहारा बुजुर्ग बहादुर को किया रेस्क्यू

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डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी – सुंदरनगर – मंडी जिला सुंदरगनर क्षेत्र की विभिन्न सामाजिक संगठनों ने शनिवार को मुख्य बाजार भोजपुर में मानवता की मिसाल कायम की है। संयुक्त व्यापार संगठन, आश्रय फांउडेशन और मानव सेवा ट्रस्ट ने भोजपुर बाजार से 85 साल के बेसहारा बुजुर्ग बहादुर को रेस्क्यू कर बिलासपुर के घाघस के देवली स्थित ‘अपना घर वृधाश्रम’ भेज दिया है। विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे नेपाली मूल के बुजुर्ग बहादुर अब वृधाश्रम में अपना जीवन व्यतीत करेंगे। इस मौके पर संयुक्त व्यापार संगठन के पदाधिकारी, मानव सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रकाश बंसल, रोटरी क्लब सुंदरनगर के प्रवीन अग्रवाल सहित स्थानीय लोग मौजूद रहे।जानकारी देते हुए संयुक्त व्यापार संगठन सुंदरनगर के संयोजक सुरेश कौशल ने बताया कि भोजपुर बाजार में खुले में रहने वाले बेसहारा 85 वर्षीय बुजुर्ग बहादुर 8 वर्ष की उम्र में नेपाल से सुंदरनगर बाजार में आए थे। बहादुर बाजार में 35 वर्षों तक एक मिठाई की दुकान में बर्तन धोकर अपना जीवन यापन करते थे। इसके उपरांत बहादुर 10 वर्षों के लिए कुल्लू चले गए और वहां जाकर दुकानों में कार्य करते रहे। वहीं बुजुर्ग बहादुर कुल्लू में कार्य करने के बाद एक बार फिर भोजपुर बाजार वापिस लौट आए। उन्होंने बताया कि बहादुर वर्तमान में मधुमेह और पीलिया रोग से ग्रसित है। सुरेश कौशल ने बताया कि बहादुर के हालातों को लेकर मानव सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रकाश बंसल से संपर्क साधा गया था। इस पर आगामी कार्रवाई अमल में लाते हुए स्थानीय लोगों व सामाजिक संगठनों ने बुजुर्ग को रेस्क्यू कर बिलासपुर के घाघस के देवली स्थित मानव सेवा ट्रस्ट के ‘अपना घर वृधाश्रम’ भेज दिया है। इससे अब हमेशा लोगों के काम आने वाले बहादुर का ख्याल अच्छी तरह से रखा जाएगा। सुरेश कौशल और स्थानीय लोगों व सामाजिक संगठनों ने मानव सेवा ट्रस्ट का आभार व्यक्त किया है।

मानव सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रकाश बंसल ने बताया कि पूरा जीवन मजदूरी कराने के बाद अंतिम पड़ाव आने पर इंसान को छोड़ दिया जाता है। यह एक बहुत बुरी सामाजिक विडंबना है। अगर यह लोग काम करते हैं तो हम सब सुख का भोग पाते हैं। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट द्वारा बुजुर्ग बहादुर को घाघस स्थित वृधाश्रम ले जाया गया है। इन्हें अलावा 20 अन्य लोग वहां पर रह रहे हैं। इनमें 6 लोग बुजुर्ग बहादुर की ही तरह सड़क पर सोने वाले हैं जिन्हें रेस्क्यू कर वृधाश्रम में रखा गया है। वृधाश्रम में बुजुर्गों को हर सुख-सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।

रोटरी क्लब सुंदरनगर के जिला सेक्रेटरी प्रवीन अग्रवाल ने बताया कि बीते एक माह से बहादुर खुले में रहने को मजबूर थे। इसको सुंदरनगर के वृधाश्रम से भी संपर्क किया गया तो बिना आधार कार्ड के बहादुर को रखने से मना कर दिया। उन्होंने बताया कि बहादुर व्यापार मंडल सुंदरनगर के कार्यालय प्रांगण में 4-5 वर्षों से रह रहे थे लेकिन वहां से भी इन्हें निकाल दिया गया। प्रवीन अग्रवाल ने प्रशासन और लोगों से बेसहारा बुजुर्गों की सहायता के लिए आगे आने की अपील की है।

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