
डेली हिमाचल न्यूज़ – सुंदरनगर : संयुक्त क्षेत्रीय कौशल विकास, पुनर्वास एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण केंद्र (सीआरसी) सुंदरनगर में गुरुवार को हिंदी कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य कार्यालयी एवं प्रशासनिक कार्यों में राजभाषा हिंदी के अधिकतम और प्रभावी प्रयोग को बढ़ावा देना रहा।
कार्यशाला के मुख्य वक्ता तिलक राज दर्शनाचार्य, सहायक प्राध्यापक, शासकीय संस्कृत महाविद्यालय सुंदरनगर रहे। कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. राकेश कुमार अवस्थी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए हिंदी भाषा के महत्व और इसके व्यावहारिक प्रयोग पर प्रकाश डाला। इसके उपरांत प्रशासनिक अधिकारी संदीप त्रिवेदी ने कार्यशाला की उपयोगिता पर बल देते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम कर्मचारियों को कार्यालयी कार्यों में हिंदी के सहज और सही प्रयोग के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने राजभाषा हिंदी के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रशासनिक कार्यों में सहकर्मियों के सहयोग से हिंदी के अधिकाधिक उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका कहना था कि हिंदी न केवल संपर्क की भाषा है, बल्कि यह प्रशासनिक दक्षता और पारदर्शिता को भी सुदृढ़ करती है।

मुख्य वक्ता डॉ. तिलक राज दर्शनाचार्य ने हिंदी भाषा के व्यावहारिक एवं शासकीय प्रयोग से संबंधित शब्दावली को सरल उदाहरणों के माध्यम से समझाया। उन्होंने कार्यालयी हिंदी के दैनिक उपयोग में आने वाले शब्दों, वाक्य संरचना और पत्राचार की बारीकियों पर विस्तार से चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों से कार्यालयीन हिंदी के व्यावहारिक प्रयोग से जुड़े अभ्यास भी करवाए, जिससे उपस्थित कर्मचारियों को व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त हो सके।
कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों ने इस प्रशिक्षण को उपयोगी और ज्ञानवर्धक बताया। उनका कहना था कि ऐसे कार्यक्रमों से न केवल हिंदी भाषा के प्रति आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि सरकारी कार्यों में हिंदी के प्रभावी प्रयोग को भी मजबूती मिलती है। कार्यशाला के समापन पर आयोजकों ने सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और भविष्य में भी इस तरह की उपयोगी एवं प्रशिक्षणात्मक कार्यशालाओं के आयोजन की आवश्यकता जताई।
Author: Daily Himachal News
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