डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी
टमाटर के दामों ने जहां आम लोगों से दूरी बना ली है वहीं किसानों को इन्हीं दामों के कारण जबरदस्त मुनाफा हो रहा है। लाल टमाटर खरीदना जहां लोगों के लिए भारी साबित हो रहा है वहीं, कुछ किसान ऐसे हैं जिन्हें इन्हीं दामों के कारण करोड़पति बनने का सौभाग्य प्राप्त हो गया है। बात मंडी जिला की बल्हघाटी के ढाबण गांव निवासी 67 वर्षीय किसान जयराम सैनी की हो रही है। जयराम सैनी बीते 53 वर्षों से टमाटर की खेती कर रहे हैं। जयराम बताते हैं कि उन्होंने अपनी जिंदगी में पहली बार टमाटर को इतने अधिक दामों पर बेचा है। टमाटर का डेढ़ किला बीज बोया था जिसमें से कुछ फसल तो बर्बाद हो गई लेकिन अभी तक 8300 से ज्यादा क्रेट बेच चुका हूं जिसके बदले में 1 करोड़ 10 लाख की आय प्राप्त हो चुकी है। अभी टमाटर के 500 क्रेट और बेचने के लिए तैयार हैं। यदि टमाटर की फसल को बीमारी न लगती तो 12 हजार क्रेट की फसल तैयार हो जाती। किसानों व युवाओं को संदेश में जयराम ने कहा कि खेत सोना उगल सकते हैं, सरकारी व निजी नौकरियों के पीछे भागने की बजाय युवाओं को खेतों का रुख करना चाहिए। जब समूचे देश में टमाटर का संकट पैदा हो गया, उस वक्त हिमाचल के किसानों का ही टमाटर देश भर में बिका। जयराम टमाटर के अलावा अन्य सब्जियों का भी उत्पादन करते हैं। रोचक बात ये है कि गत वर्ष 10 हजार क्रेट बेचकर 55 लाख रुपए की आमदनी हुई थी, वहीं इस बार 8300 क्रेट ने करोड़पति बना दिया है। जयराम करीब 60 बीघा भूमि में टमाटर की खेती करते हैं। छोटा बेटा मनीष सैनी भी पिता का हाथ बंटाता है। परिवार ने कहा कि वे अच्छी गुणवत्ता ही टमाटर उगाते हैं।
खरीदेंगे नया ट्रैक्टर :
किसान जयराम सैनी का कहना है कि अब वो अपना ट्रैक्टर बदलेंगे, ये पुराना हो चुका है। इसके अलावा खेत के उपकरणों को भी बदलना चाहते हैं। राशि से बच्चों की पढ़ाई भी करवानी है। जीवन में ज्यादा सुविधाओं की इच्छा कभी नहीं पाली। जयराम के बड़े बेटे सतीश ने कहा कि फसल को सीधा दिल्ली की आजादपुर मंडी ही भेजा जा रहा है। यहां आढ़ती से करीब 15-20 साल पुराने संबंध हैं। खेती में लंबा तजुर्बा रखने वाले जयराम को उर्वकों व कीटनाशकों का ज्ञान ये सुनिश्चित करने में भी मददगार साबित होता है कि फसल कीटों से सुरक्षित है। चंद महीनों की कड़ी मेहनत की बदौलत परिवार करोड़पति बन गया है। वित्तीय प्रबंधन की जिम्मेदारी जयराम खुद संभालते हैं।