डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी
उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने कहा कि जिले में राजस्व मामलों के निपटारे में लेट लतीफी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों को मिशन मोड में कार्य करने को कहा ताकि मामलों का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित हो सके। वे वीरवार को डीआरडीए सभागार में आयोजित राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। 7 घंटे से भी अधिक समय तक चली इस मैराथन मीटिंग में राजस्व मामलों के निपटान को रफ्तार देने को लेकर उनसे जुड़े हर पहलू पर गहन मंथन किया गया। उपायुक्त ने सिलसिलेवार जिले की प्रत्येक तहसील और उप तहसील के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को बैठक में पूरी तैयारी से आने की हिदायत दी। बैठक में तकसीम हुकमी और खानगी, निशानदेही, अवैध कब्जे सहित अन्य राजस्व संबंधी मामलों की समीक्षा की गई। उन्होंने इस दौरान आपदा राहत, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, ई-डिस्ट्रिक्ट में प्राप्त आवेदनों के बारे में भी अधिकारियों से जानकारी ली। अपूर्व देवगन ने कहा कि प्रदेश सरकार का राजस्व के लम्बित मामलों का समयबद्ध निपटारा सुनिश्चित करके जनता को राहत प्रदान करने पर विशेष बल है। सरकार का प्रयास है कि लोगों को बार-बार राजस्व कार्यालय में जाने की आवश्यकता न पड़े। इसके लिए विशेष राजस्व लोक अदालतें लगाकर लम्बित राजस्व मामलों का समाधान सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके सुखद परिणाम रहे हैं। उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि मंडी जिले में राजस्व अदालतों के माध्यम से बड़ी संख्या में राजस्व मामलों का निपटारा किया गया है। जनवरी माह में ही जिले में 3309 राजस्व मामलों का समाधान किया गया है। इनमें से 1535 मामलों का 30 और 31 जनवरी को लगी विशेष राजस्व अदालतों के माध्यम से समाधान किया गया है। उन्होंने बैठक के दौरान जहां अच्छे कार्य के लिए अधिकारियों की पीठ थपथपाई, वहीं रिपोर्ट संतोषजनक ना होने पर खिंचाई भी की। उन्होंने कार्यों को गति देने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन किया।
उपायुक्त ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित बनाने को कहा कि जिले में आपदा प्रभावित लोगों को राहत देने का एक भी मामला ना छूटे। उन्होंने इसके लिए पूरी गंभीरता से काम करने को कहा। उपायुक्त ने सभी एसडीएम को अपने क्षेत्र में बन रहे पटवार तथा कानूनगो भवनों के निर्माण में तेजी लाने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी समय समय पर इन कार्यों का निरीक्षण करें तथा कार्यों की गति दें। उन्होंने पूर्ण हो चुके कार्यों के फंड उपयोगिता प्रमाणपत्र अगले 10 दिन भीतर सौंपने को कहा।