डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी – कुल्लू – मंडी लोकसभा प्रत्याशी कंगना रनौत ने लाहौल स्पीति के उदयपुर सहित अन्य स्थानों पर चुनाव प्रचार अभियान में भाग लिया. उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन व कांग्रेस पार्टी सांप्रदायिक,घोर जातिवादी व परिवारवादी है 70 सालों तक इन्ही विषयों पर कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने राजनीति की है कांग्रेस ने गरीब, एससी-एसटी, ओबीसी, महिलाओ, देश के हर वर्ग को धोखा दिया। इसलिए आज उनके पास सिर्फ एक ही वोट बैंक बचा है। आज ये लोग एक वोट बैंक को खुश करने के लिए धर्म के आधार पर आरक्षण छीनकर बांटना चाहते हैं। अगर आंबेडकर नहीं होते तो आरक्षण विरोधी नेहरू एससी-एसटी को आरक्षण नहीं मिलने देते। नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर इसका विरोध किया था। नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक इस परिवार के जितने पीएम हुए, सब ने आरक्षण का विरोध किया। इंडी कांग्रेस नेताओ की सोच विभाजनकारी है। लाहौल-स्पीति की देवतुल्य जनता भलीभांति समझती है कि कांग्रेस तानाशाही और गुंडागर्दी को महत्व देती है और दूसरी ओर भाजपा है, जिसका मूलमंत्र ‘‘सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’’ है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि लाहौल-स्पीति के परिवारजन तानाशाही व रजवाड़ा शाही पर वोट की चोट देंगे।
कंगना रनौत ने कांग्रेस प्रत्याशी पर हमला बोलते हुए कहा अगर प्रतिभा सिंह ने विक्रमादित्य को अच्छे संस्कार दिए होते तो वह इस प्रकार से महिलाओं की अस्मिता व महिला विरोध में टिप्पणियां ना कर रहे होते। कभी उन्हें एक महिला के मंदिरो में जाने से आपत्ति होती है तो कभी वो एक महिला के चरित्र पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने कहा की विक्रमादित्य सिंह की पहचान फेसबुक के नेता के रूप में है मंडी लोकसभा के लिए उनका व उनके परिवार का विजन कहां था जब उनके परिवार के सदस्य खुद मंडी से सांसद रहे खुद भी वो पिछले 15 महीनों से मंत्री हैं केंद्र सरकार की उपलब्धियों को गिनाना छोड़ कर वह खुद बताएं कि उन्होंने प्रदेश में उन्होंने क्या कार्य किए। वो मात्र चुनाव जीतने के बड़ी बड़ी बातें कर सकते हैं जिनका कोई सिर पैर नहीं होता विक्रमादित्य बताएं अगर वो इतना ही विजन मंडी के लिए रखते हैं तो सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के विरोध में क्यों प्रदेश सरकार के साथ खडे रहे उन्होंने ने कहा कि मंडी लोकसभा की देवतुल्य जनता भली भांति से समझती है कि कांग्रेस और इनके नेता किस तरह से महिलाओं की निजता व अस्मिता पर प्रश्न उठाते हैं ।