डेली हिमाचल न्यूज़ : सुंदरनगर – राज्यस्तरीय नलवाड़ मेला सुंदरनगर अपने अंतिम दौर में पहुंचने के बावजूद अभी तक परवान नहीं चढ़ पाया है। 22 मार्च से मेला स्थल जवाहर पार्क से शुरु हुए इस 7 दिवसीय मेला अपने अंतिम दौर में पहुंच गया है। लेकिन अभी भी मेला स्थल में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है। आलम यह है कि मेला में अधिकांश दुकानें खाली पड़ी हुई हैं और लाखों रूपयों का डोम पूरी तरह से वीरान पड़ा हुआ है। पहले दिन से इस मेले में लोगों के हुजूम की कमी खल रही थी जो अभी तक बरकरार है। जानकारी के अनुसार मेले में अभी तक दुकानें पूरी तरह से नहीं सज पाई हैं। 28 मार्च तक चलने वाले इस मेले में समय बीतने के साथ रौनक आने के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन सांस्कृतिक संध्याओं को छोड़कर पूरा दिन मेला स्थल पर कुछ ही लोग ही नजर आते हैं। ऐसे ही हालात मेला स्थल के साथ लगी हुई प्रदर्शनियों और स्वयं सहायता समूहों के स्टाल की है। जहां स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और सरकारी विभाग के कर्मचारियों के अलावा दिखने वाला कोई मौजूद नहीं हैं। इस प्रकार के हालात को लेकर सुंदरनगर के बुद्धिजीवी वर्ग ने मेले के स्वरूप में कुछ बदलाव कर लोगों के लिए आकर्षित बनाने की कवायद शुरू करने की मांग की है।
राज्यस्तरीय नलवाड़ मेला-2024 में शुरूआती दौर में बैलों की अच्छी खरीद फरोख्त होने से व्यापारियों को इस वर्ष अच्छा व्यापार होने के आसार दिख रहे थे।लेकिन जैसे-जैसे नलवाड़ मेला आगे बढ़ा तो बैलों की ब्रिक्री लगभग समाप्त हो गई। जहां पहले दिन बैलों की जोड़ी 20 हजार रूपए से अधिक तक मूल्य तक बेची गई। लेकिन अगले ही दिन बैलों की खरीदारी पर बुरा असर पड़ गया और अब नगौण खड्ड में इक्का दुक्का बैल ही मौजूद हैं।
राजस्तरीय नलवाड़ मेला-2024 में प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों की प्रदर्शनियां पूरी तरह से खाली हैं। वहीं ऐसा ही हाल स्वयं सहायता समूह के स्टाल्स का भी है। क्षेत्र की अलग-अलग जगहों से नलवाड़ मेला सुंदरनगर पहुंची महिलाओं के स्टाल्स पूरी तरह से खाली पड़े हुए हैं। इन स्टाल्स में ना कोई खरीददार है और ना ही कोई प्रदर्शनियों को देखने के लिए आ रहा है। स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं पूरा दिन अपने उत्पादों की खरीददारी के लिए ग्राहकों का इंतजार करती ही नजर आती हैं।