डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी-पुष्पराज
हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार सूबे की 50 प्रतिशत पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। यह जानकारी गुरुवार को प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने मंडी में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान दी। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस समय प्रदेश सरकार का पूरा फोकस राहत और पुनर्वास पर है। पर्यटकों को सुरक्षित घर रवाना करने, बाढ़ पीड़ितों को राहत प्रदान करने और प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी तथा मोबाइल नेटवर्क की जल्द से जल्द बहाली के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस आपदा से प्रदेश को लगभग 4 हजार करोड़ रुपये और सिर्फ जल शक्ति विभाग को 1 हजार करोड़ की चपत लगी है। अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में आए जल प्रलय में सबसे बड़ी चुनौती जल महकमे के सामने आई है। विभाग की ज्यादातर योजनाएं नदी किनारे हैं। बाढ़ आने से पंप हाउस, मशीनरी, लाइनें, सोर्स ध्वस्त हो गए हैं। पंप हाउस में गाद भरने से संचालन ठप्प हुआ है। ऐसे विकट हालात में पानी की सप्लाई बहाल करना एक कठिन चुनौती है। लेकिन सरकार इस चुनौती पर पार पाने के लिए पूरी ताकत से जुटी है।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विभाग अगले 24 घंटे में मंडी शहर में पानी की सामान्य सप्लाई बहाल करने के लिए प्रयत्नशील है। लेकिन बाढ़ से 82 करोड़ की ऊहल पेयजल योजना प्रभावित होने से समस्या विकट हुई है। इसे सुचारू करने के लिए पूरी वर्क फोर्स और मशीनरी जुटी हुई है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इसके अलावा पड्डल पेयजल योजना को भी बहुत नुकसान हुआ है। इसे बहाल करने के लिए सरकार ने फौरी तौर पर 2 करोड़ रुपए जारी किए हैं। इसके पुनर्निर्माण के साथ लोगों को पानी की सुचारू सप्लाई के लिए नई मशीनरी मंगवा ली गई है, इससे शहर के लिए पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था बहाल हो जाएगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में यह योजना बाढ़ से बची रहे इसके लिए नदी की ओर से प्रोटेक्शन वॉल लगाई जाएगी।