मंडी, 22 अगस्त : साहब! सुपरवाइजर हमें मानसिक रूप से परेशान कर रही है और उसके मनमाफिक काम न करने की सूरत में नौकरी से निकालने की धमकी दे रही है, कृपया हमारी मदद कीजिए। यह गुहार लगाई है श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कालेज एवं अस्पताल नेरचौक में आउटसोर्स पर कार्यरत वॉर्ड अटेंडेंट्स ने। आउटसोर्स पर कार्यरत ये वॉर्ड अटेंडेंट्स नई कंपनी को काम मिलने के बाद से लगातार परेशानी में हैं। नौकरी खो जाने के डर से नाम न लिखने की गुहार लगाते हुए इन्होंने बताया कि जब से रक्षक सिक्योरिटाज कंपनी को आउटसोर्स का काम मिला है तबसे उनके द्वारा तैनात महिला सुपरवाइजर उन्हें लगातार परेशान कर रही है। नियमों के तहत 8 घंटे की डयूटी ली जाती है लेकिन महिला सुपरवाइजर ने इनसे डबल शिफ्ट में काम लिया। जब इन्होंने इसकी लिखित शिकायत ज्वाईंट डायरेक्टर की तो उसके बाद से महिला सुपरवाइजर भड़क उठी और तभी से लगातार मानसिक तौर पर परेशान कर रही है। अगर उसे मनमाफिक काम न करें तो फिर नौकरी से निकालने की धमकियां दे रही हैं। इनका कहना है कि नियमों के तहत जो काम है, उसे करने में कोई हर्ज नहीं, लेकिन दबाव बनाकर काम करवाना उचित नहीं है। इन्होंने मदद की गुहार लगाई है।
घर का काम नहीं करवा रहे, डयूटी तो करनी ही होगी :
जब इस बारे में रक्षक सिक्योरिटाज प्रा.लि. के आपरेशनल मैनेजर सुमीत रांगड़ा से बात की तो उन्होंने कहा कि जिन लोगों को काम पर रखा है उनसे कोई घर का काम नहीं करवाया जा रहा। जो काम करवा रहे हैं वो डयूटी का ही है। कुछ लोगों को यह दिक्कत है और इन्हें शायद काम न करने की आदत पड़ चुकी है। हम सारा काम नियमों के तहत ही करवा रहे हैं।
सुपरवाइजर को किसी को नौकरी से निकालने का कोई अधिकार नहीं
वहीं जब इस बारे में श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कालेज एवं अस्पताल नेरचौक के ज्वाईंट डायरेक्टर देवी सिंह से बात की गई तो उन्होंने माना कि सुपरवाइजर के खिलाफ नियमों से ज्यादा डयूटी लेने की शिकायत आई थी और उसपर कार्रवाई भी कर दी गई है। सुपरवाइजर के पास किसी को नौकरी से निकालने और ऐसी धमकियां देने का कोई अधिकार नहीं है। यदि ऐसा हो रहा है तो उसपर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।