पुण्यभूमि और देवभूमि हिमाचल मेरी कर्मभूमि : पीएम नरेंद्र मोदी

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शिमला : पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि सरकार के आठ साल पूरे होने पर यह चर्चा चल रही थी कि कौन सा कार्यक्रम कैसे किया जाए। इसी दौरान नड्डा जी और जयराम जी की तरफ से सुझाव आया और दोनों सुझाव मुझे अच्छे लगे। एक सुझाव पर अमल करते हुए मुझे कल ही उन बच्चों का जिम्मा संभालने का मौका मिला, जिन्होंने कोरोना काल में अपने माता-पिता दोनों को खो दिया। बता दें कि सोमवार को प्रधानमंत्री ने पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना को लॉन्च किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “आज मेरे जीवन में एक विशेष दिवस भी है और उस विशेष दिवस पर इस देवभूमि को प्रणाम करने का मौका मिले इससे बड़ा जीवन का सौभाग्य क्या हो सकता है। सुझाव आया था कि एक कार्यक्रम हिमाचल में किया जाए तो मैंने आंख बंद कर हां कर दिया क्योंकि मेरे जीवन में हिमाचल का स्थान बहुत बड़ा है। खुशी के पल हिमाचल में आकर बिताने का मौके मिले तो बात ही अलग है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इसलिए देश का यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम उस शिमला की धरती पर हो रहा है, जो कभी मेरी कर्मभूमि रही, जो मेरे लिए देवभूमि और पूण्य भूमि है। देवभूमि से मुझे देशवासियों से बात करने का मौका मिले, ये अपने आप मेरे लिए खुशी अनेक गुना बढ़ा देने वाला काम है।”
हिमाचली उत्पाद पूरी दुनिया में पहुंचाने के लिए कर रहे काम :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हिमाचल का हस्तशिल्प, वास्तुकला वैसे ही मशहूर हैं। उन्होंने कहा, “चंबा का मेटल वर्क, सोलन की पाइन आर्ट और कांगड़ा की मिनिएचर पेटिंग देख टूरिस्ट दीवाने हो जाते हैं। ऐसे उत्पाद देश के कोने-कोने में पहुंचे, साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजारों की भी रौनक बढ़ाएं, इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं।”
पीएम मोदी ने कहा कि हिमाचल के स्थानीय उत्पादों की चमक तो काशी में बाबा विश्वनाथ तक पहुंच गई है। कुल्लू में माताओं और बहनों द्वारा बनाई गई बनी पुलें सर्दी के मौसम में काशी विश्वविनाथ मंदिर के पुजारियों और सुरक्षा कर्मियों की मददगार बन रही है। बनारस का सांसद होने के नाते मैं इस उपहार के लिए हिमाचल प्रदेश के लोगों का विशेष आभार प्रकट करता हूं।

इन्फ्रास्ट्रक्चर और टेक्नॉलजी पर फोकस :
प्रधानमंत्री ने एम्स का जिक्र करते हुए कहा कि देश में एम्स जैसे स्वास्थ्य संस्थानों का दायरा दूर-सुदूर इलाकों तक पहुंचाया जा रहा है और बिलासपुर एम्स इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। अब हिमाचल के लोगों को इलाज के लिए चंडीगढ़ और दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और इन्फ्रस्ट्रक्चर पर्यटन को भी बढ़ावा देता है।
पीएम ने कहा कि हिमाचल के दूरदराज के इलाकों में ड्रोन टेक्नोलॉजी का बहुत बड़ा लाभ होगा। उन्होंने कहा, “हम एक-दूसरे को सपॉर्ट करने वाली मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी पर फोकस कर रहे हैं। इस बजट में हमने जो पर्वतमाला योजना की घोषणा की है, वह हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी। इसके साथ ही वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज योजना भी बजट में रखी गई है। इससे सीमा में बसे हुए गांवों को एक्टिविटी और टूरिस्ट सेंटर बनाने में मदद मिलेगी। वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज योजना का लाभ हिमाचल के सीमावर्ती गांवों को मिलने वाला है।

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