
डेली हिमाचल न्यूज़ – मंडी – हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक की कार्यकारी समिति (मिनी बोर्ड) की बैठक में सहकारी सभाओं और कर्मचारियों से जुड़ी लंबित मांगों पर ऐतिहासिक फैसले लिए गए। बैठक की अध्यक्षता अध्यक्ष देवेंद्र श्याम ने की, जबकि बोर्ड सदस्य केशव नायक, पीताम्बर दास, डॉ. जगदीश, सुनील शर्मा और लाल सिंह उपस्थित रहे। बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि वर्ष 2017 के बाद से रिक्त पड़े जूनियर क्लर्क (Junior Clerk) के 74 पदों की भर्ती प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाएगी। समिति ने बैंक के प्रबंध निदेशक को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यह भर्ती प्रक्रिया वित्तीय वर्ष 2025 में हर हाल पूरी की जाए।
निगेटिव मार्किंग खत्म :

अभ्यर्थियों की सुविधा को देखते हुए परीक्षा प्रणाली में निगेटिव मार्किंग समाप्त करने का महत्वपूर्ण निर्णय भी लिया गया। समिति का मानना है कि निगेटिव मार्किंग के कारण सहकारी संस्थाओं में अनुभव रखने वाले कई योग्य कर्मचारी पिछड़ जाते थे।
आरक्षित कोटे पर तुरंत भर्ती :
बैठक में सहकारिता आंदोलन से जुड़े कर्मचारियों के आरक्षित कोटे के पदों को भी तत्काल भरने पर जोर दिया गया। समिति ने इसे सहकारी आंदोलन की मजबूती और कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक बताया। गौरतलब है कि अब तक IBPS की कठिन परीक्षा प्रणाली और ऑनलाइन पैटर्न के चलते कई योग्य अभ्यर्थी चयन से वंचित रह जाते थे। सहकारी सभाओं के प्रतिनिधि लगातार मांग कर रहे थे कि PACS/OCS कोटे से भर्ती को सरल और पारदर्शी बनाया जाए। इस बार समिति ने इन मांगों को गंभीरता से स्वीकार किया है।
कर्मचारियों में उत्साह :
इन ऐतिहासिक निर्णयों से सहकारी सभाओं और कर्मचारियों में भारी उत्साह का माहौल है। उनका कहना है कि यह कदम न केवल सहकारी बैंकिंग प्रणाली को मजबूती देगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी खोलेगा।
वही, बोर्ड सदस्य केशव नायक ने कहा की सहकारिता आंदोलन केवल संस्थाओं का ढांचा नहीं, बल्कि लाखों परिवारों की आजीविका का आधार है। कर्मचारियों को उनका आरक्षित कोटा और भर्ती में न्याय दिलाना हमारी पहली प्राथमिकता है।

Author: Daily Himachal News
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