कांगड़ा/नूरपुर (भूषण शर्मा ) 23 अगस्त: प्राधिकरण द्वारा कंडवाल से सिहूनि तक के करीब चार हजार प्रभावित परिवारों को उनके भवन 22 अगस्त तक गिराने का सरकारी फरमान का पीड़ितों द्वारा जोरदार विरोध किया जा रहा है। मंगलवार को जसूर में प्रेसवार्ता के दौरान प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुदर्शन शर्मा ने हैरानी जताते हुए भारी बरसात में हजारों लोगों के आशियानों को गिराने को लेकर सरकार के कदम की कड़ी निंदा की है। प्रदेश प्रवक्ता ने प्रथम चरण के उन तमाम पीड़ितों की पैरवी करते हुए सरकार व प्राधिकरण के पीड़ितों के प्रति व्यवहार पर कड़ा एतराज जताते हुए तंज कसते हुए राष्ट्रीय उच मार्ग प्राधिकरण की तुलना ईस्ट इंडिया कम्पनी से करते हुए प्रशासन और सरकार की मिलीभगत बताया है। सुदर्शन शर्मा ने प्राधिकरण और प्रशासन से सवाल पूछते हुए कहा कि प्रथम, दूसरे अऔर तीसरे अवार्ड में एक महीने के अंतराल में कौन सा पैमाना हाथ लग गया कि प्रथम व दूसरे अवार्ड में दस हजारर प्रति मरला से दो लाख प्रति मरला बढ़ाकर पिक एंड चूज नीति को आधार बनाया गया है। प्रदेश प्रवक्ता सुदर्शन शर्मा ने चेतावनी देते हुए सरकार व प्रशासन से दोनो अवार्डों के मध्य धन राशि के अंतर की अदायगी बिना किसी आर्बिट्रेशन प्रभावितों को नही की जाती। तब तक 31 राज्सव मुहालों के भवनों को गिराने नही दिया जाएगा। इसको लेकर कांग्रेस पार्टी आंदोलन करने से भी गुरेज नहीं करेगी। सुदर्शन शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि अभी तक प्राधिकरण द्वारा अधिकृत निर्माण कम्पनी को वृक्ष कटान का कार्य लम्बित है। जसूर फ़्लाइओवर और 6 किलोमीटर बायपास बोढ़ से खुशीनगर का निर्माण कार्य लम्बित है। फिर मध्य में आशियानों को गिराने का कोई भी औचित्य नही बनता है।