डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी – हिमाचल सिनेमा तब तक नहीं उभर सकता जब तक यहां के स्थानीय विषयों पर फिल्में नहीं बनेंगी। हिमाचल को चाहिए कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता का सही ढंग से इस्तेमाल करते हुए स्थानीय विषयों पर फिल्में बनाए और इसके लिए प्रदेश की सरकारों को भी सहयोग करने की जरूरत है। यह सुझाव मंडी में कला एंटरटेनमेंट के बैनर तले जारी चार दिवसीय हिमाचल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में मुंबई से आए कलाकारों ने दिए। फिल्म अभिनेता राजेश जैस ने फिल्म फेस्टिवल के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि बहुत से राज्यों ने अपने स्थानीय विषयों पर फिल्में बनाई और उन्हें लोगों ने देखना पसंद किया। यदि हिमाचल प्रदेश किसी मुंबई की फिल्मों को कॉपी करके फिल्में बनाएगा तो उसे लोग क्यों देखेंगे और पसंद करेंगे। जब लोगों को हिमाचल के स्थानीय विषयों पर फिल्में देखने को मिलेंगी तो उसमें लोगों की ज्यादा रूचि होगी। हिमाचल के लोग यहां के स्थानीय विषयों पर बड़े ही अच्छे ढंग से पर्दे पर प्रस्तुत कर सकते हैं क्योंकि उन्हें यहां के हर स्थानीय विषय की गहराई से समझ है। हिमाचल के पास सुंदरता के लिहाज से कोई कमी नहीं है। दूसरे राज्यों ने अपने पास मौजूद संसाधनों को आज इस तरह से प्रस्तुत किया है कि वहां पर न सिर्फ देश के बल्कि विदेशों से भी लोग घूमने के लिए आते हैं। ऐसा ही कुछ हिमाचल प्रदेश को भी करना चाहिए।
फिल्म अभिनेता संजय मिश्रा ने कहा कि बहुत से लोग शूटिंग करने के लिए हिमाचल प्रदेश आते हैं। यहां की सुंदरता का सही ढंग से इस्तेमाल करते हैं लेकिन हिमाचल बेचारा बनकर सिर्फ देखता ही रह जाता है। अब हिमाचल प्रदेश को इस बेचारेपन को दूर करने की जरूरत है। यहां की सरकारों को भी चाहिए कि हिमाचली फिल्म इंडस्ट्री को डेवेल्प करने के लिए पूरी तरह से सक्रिय योगदान दे ताकि यहां के कलाकारों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने को मौका मिल सके। उन्होंने मंडी में पहली बार आयोजित किए जा रहे हिमाचल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के बेहतरीन आयोजन के लिए कला एंटरटेनमेंट के संस्थापक राजा सिंह मल्होत्रा और फिल्म निर्देशक पवन कुमार शर्मा को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह फिल्म फेस्टिवल उन फिल्मों को दिखाने का एक बेहतरीन मंच होते हैं जो बड़े बजट की न होकर सत्यता को दर्शाती हैं। उन्होंने सिनेमा को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए टिकट के दामों में भी कटौती का सुझाव दिया।