डेली हिमाचल न्यूज़ : देहरा : राजनैतिक महत्कांक्षाओं क़ो पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी आजकल देहरा में जमीन तलाश कर रहे हैं। देहरा से भाजपा प्रत्याशी होशियार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी आज तक देहरा नहीं आयी पर ज़ब चुनाव लड़ने की बारी आयी तो देहरा की याद उनको आगई। उन्होंने कहा कि देहरा की जनता आज कांग्रेस की प्रत्याशी से जानना चाहती हैं कि दिन के उजाले में हमने कभी इनको देहरा में देखा नहीं रात के अंधेरों में यहाँ से निकली हो तो बताएं कितनी बार देहरा की धरती पर उनके कदम पड़े हैं। भाजपा प्रत्याशी होशियार सिंह ने कहा कि कमलेश लोगों की भावनाओं से खेलना बंद करें वैसे भी उनका मायका जसवां परागपुर के नलसुहा में है और मैं देहरा का बेटा हूं। देहरा की चिंता ऐसे व्यक्तियों को करने की आवश्यकता नहीं जिन्हे प्रदेश भर में तालाबंदी और संस्थानों को बंद करने वाली सरकार के रूप में जाना जाता हैं। उन्होंने कहा कि आज कमलेश कहती हैं मेरा जन्म और व्यवसाय हिमाचल से बाहर हैं तो उन्हें ये भी जानकारी दे दूँ कि उनका जन्मस्थान भी साथ लगती विधानसभा जसवां परागपुर में हैं नाकि देहरा में है। जो महिला स्वार्थ सिद्धि के लिए अपना घर भुला पडोसी के घर को अपना बता सकती हैं वो दोनों ही घरों का कितना भला करेंगी वो देहरा की काबिल जनता भली भांति जानती हैं। मेरा जन्म भले ही मुंबई हुआ पर किसी के माता पिताजी रोजगार के लिए कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र है। उसके बावजूद भी कभी में अपनी धरती को जमीन को नहीं भुला और अच्छी आय व व्यवसाय जमा कर अपने लोगों की सेवा को ही अपने जीवन का लक्ष्य बनाया।
होशियार सिंह ने कहा कि खुद मियां फजीहत दूसरों को नसीहत वाली बात हो गई आज तक के राजनैतिक कैरियर में मुख्यमंत्री का अपना वोट अपने गृह क्षेत्र में नहीं था पिछले दो साल पहले उसे यहां शिफ्ट करवाया गया आज हमारी प्रत्याशी भी खुद को चुन (वोट) नहीं सकती तो देहरा की जनता उनको क्यों चुने यह एक दक्ष प्रश्न हैं। अपने लिए राजनितिक जमीन तलाशने के लिए ये मियां बीवी की जोड़ी पता नहीं कहां कहां की बेटी और जवाई बनेगें ये या तो ये खुद ही जानते है या भगवान ही जानता है। इसलिए सभी अपने अपने विधानसभा क्षेत्रों क़ो संभाल लें। उन्होंने कहा कि आज कमलेश कहती हैं कि जहां मुख्यमंत्री 10 रुपए देंगे वहां में देहरा को 11 दिलवाऊंगी उनसे पूछना चाहता हूं कि जयराम ठाकुर सरकार में प्रदेश को सैंकड़ो सौगातें दी गई लेकिन जब उनके पति ने उन सब पर ताला जड़ दिया तो देहरा की तो छोड़ो पर अपने असली घर (मायके) का पक्ष अपने पति के सामने नहीं रख पाई और तात्कालिक उद्योग मंत्री की मेहनत और कार्यों पर पानी फिर गया। जनता कुछ नहीं भूलती इसलिए जिस होटल में आपने चुनाव के लिए ठिकाना बनाया हैं वहां से अपना बोरिया बिस्तर समेटिये और जहाँ शिमला या नादौन जहां पर भी अपना घर हैं वहाँ से राजनैतिक रोटियां सेकिये देहरा में आपका न काम हैं न नाम है।