डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी
चेक बाउंस के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायालय-1 मंडी की अपीलीय अदालत ने अधीनस्थ न्यायालय मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के फैसले को बरकरार रखने का आदेश दिया है। अधीनस्थ न्यायलय ने आरोपी को 6 माह की कैद और 6 लाख रुपये हर्जाने की सजा सुनाई थी। आरोपी ने इस फैसले को अपीलीय अदालत में चुनौती दी थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-1 मंडी की अपीलीय न्यायालय ने आरोपी की अपील को निरस्त कर दिया है। शिकायतकर्ता के अधिवक्ता नरेंद्र चौधरी ने शनिवार को जानकारी देते हुए कहा कि चेक बाउंस के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायालय-1 मंडी की अपीलीय न्यायालय ने अधीनस्थ न्यायालय मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के फैसले को बरकरार रखने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि मामले में अपीलीय न्यायालय ने आरोपी की अपील को निरस्त करते हुए यह आदेश सुनाया है।
मामले में शिकायतकर्ता रूपलाल पुत्र भीखम राम निवासी अंबेडकर नगर तहसील सुंदरनगर जिला मंडी ने मस्त राम के खिलाफ जिला न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष अभियोग चलाया था। शिकायतकर्ता का कहना था कि मस्त राम ने रूप लाल से 5 लाख 25 हजार रुपए का ऋण लिया हुआ था। वहीं जब शिकायतकर्ता ने मस्त राम को दी गई धनराशि को वापिस मांगा तो उसने शिकायतकर्ता को 5 लाख 25 हजार रुपए का चेक दिया था। उसके खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण चेक बाउंस हो गया था। इस पर शिकायतकर्ता रूप लाल ने मस्त राम को नियमानुसार कानूनी नोटिस जारी करके राशि अदा करने को कहा था। इसके बावजूद अदायगी नहीं की गई। इसके कारण रूप लाल ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मंडी के न्यायालय में अभियोग चलाया। अधीनस्थ न्यायालय ने मस्त राम को चेक बाउंस का दोषी करार देते हुए सजा का फैसला सुनाया था। इसके उपरांत आरोपी ने फैसले को चुनौती देते हुए अपीलीय न्यायालय में अपील दायर की थी। अपीलीय अदालत ने अधीनस्थ न्यायालय के फैसले को सही करार दिया है। शिकायतकर्ता के अधिवक्ता नरेंद्र चौधरी ने कहा कि अपीलीय न्यायालय ने अधीनस्थ न्यायालय के आदेश में संशोधन करते हुए हर्जाना न देने की सूरत में 2 माह के बजाए एक माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतने का आदेश सुनाया है।