डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी
क्रयाश के संस्थापकों डॉ. धर्मेश शर्मा और डॉ. साक्षी सुपहिया ने अपने वालंटियर के साथ लगभग 350 किलोमीटर का सफर तय कर मंडी के आपदा प्रभावित इलाकों के 10 सरकारी स्कूलों में खुद पहुंचकर नवोदय स्कूल में प्रवेश परीक्षा के लिए अध्ययन सामग्री पहुंचाई। जिनमे शोधाधार, जंजैहली, थुनाग, बागस्याड, फंगवार, स्टोह, मूंडरू, राजगढ़, महादेव, जय देवी के स्कूल थे। प्रभांसु तिवारी ने इस मुहिम को अपने डेंटल कॉलेज के सहपाठियों के साथ बहुत अच्छे से संचालित किया। डॉ. धर्मेश ने कहा कि इस संस्था का नाम क्रयाश, मंडयाली भाषा में बोला जाने वाला शब्द है। जिसका अर्थ है सुबह होना या बारिश या तूफान के थमने के बाद का मौसम। इस मुहिम से हम लोगों का ध्यान उन बच्चों की तरफ खींचने की कोशिश कर रहे हैं जो आपदा के बाद सुविधाओं के अभाव से अपने सपनों तक पहुंच नहीं पाते और जानकारी के अभाव से जीवन में वो अच्छे लक्ष्य भी नहीं रख पाते। बहुत कम लोग इस बात पर ध्यान दे रहे हैं कि आपदा के बाद छोटे बच्चे भी मानसिक रूप से संघर्ष करते हैं। उन्हें शिक्षा के लिए उचित वातावरण का होना बहुत ही ज्यादा अनिवार्य है। जिसके लिए हम उन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि हम सभी बच्चों के लिए नहीं कर पाएंगे क्योंकि हमारे पास सीमित स्त्रोत हैं और हम सभी लोग अपनी नौकरी करने के बाद बचे हुए समय में ये काम करते हैं। अगर कोई हमें मदद देता है तो हम सभी टीम के सदस्य अपने पैसे इक्कठे करके लोगों तक उस सामान को पहुंचाते हैं। इसलिए हम सभी लोगों से प्रार्थना करते हैं कि अपने सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंद बच्चों के लिए आगे आएं। सरकार बच्चों की शिक्षा के लिए बहुत नीतियां बनाती हैं और सुविधाएं भी उपलब्ध करवाती हैं पर उन सुविधाओं की जानकारी जरूरतमंद बच्चों तक पहुंचाने के लिए सभी पढ़े लिखे नागरिकों को भी आगे आना चाहिए।