डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी – सुंदरनगर
हिमाचल प्रदेश में बरसे कुदरत के कहर ने जहां हर ओर त्राहिमाम मचा हुआ है। वहीं इस बारिश से सुकेत रियासत काल के ऐतिहासिक सूरज कुंड में 23 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद पानी की अवरिल धारा बहने लगी है। इससे स्थानीय लोग प्रसन्नता से झूम उठे हैं। ऐतिहासिक सूरज कुंड को 23 वर्षों के सूखे के बाद भरा हुआ देखना मंडी जिला के सुंदरनगर के लोगों के लिए किसी सुखद अनुभूति से कम नहीं है। सूरजकुंड में अंतिम बार वर्ष 2000 में पानी का प्रवाह आया था। बता दें कि सुकेत रियासत के महाराजा गरूड़ सेन की रानी पन्छुम देई द्वारा भगवान सूर्य नारायण के प्रति अपार श्रद्धा होने के कारण राजमहल के समीप स्थापित किए गए सूरजकुंड मंदिर का जल औषधीय गुणों से भरपूर था। रियासत का विलय होने के बाद यह मंदिर सरकार के अधीन चला गया और धीरे-धीरे उपेक्षा के चलते अपना अस्तित्व खोता चला गया। मंदिर के सराय भवन के स्तंभ और छत पूरी तरह खराब हो चुके हैं और मुख्य मंदिर भी गिरने की कगार पर है। सूरजकुंड मंदिर हिमाचल प्रदेश का दूसरा सूर्य मंदिर है, जिसकी स्थापना 1721 ईस्वी में हुई थी। रानी पन्छमु देई की सूर्य भगवान पर अगाध श्रद्धा व विश्वास था और राजमहल के समीप भेछणी धार की तलहटी में सूर्य मंदिर स्थापित किया। रानी ने यहां पर अष्टधातु की मूर्ति स्थापित की। मंदिर का निर्माण प्राकृतिक जल स्रोत के ऊपर किया और सामने जलकुंड का निर्माण करवाया। मूर्ति के नीचे से जल धारा प्रवाहित होकर उस जलकुंड में गिरती थी जो सदा भरा रहता था।
कुंड में स्नान से चर्म रोग होते थे समाप्त :
सूरजकुंड में आरोग्यता के लिए यंत्र का प्रयोग किया जाता था। महारानी प्रतिदिन सूर्य भगवान की मूर्ति व चमत्कारिक यंत्र का स्नान किया करती थी, जिसका जल प्राकृतिक स्त्रोत के माध्यम से उस जलकुंड में गिरता था। इसमें स्नान करने से अनेक प्रकार के चर्म रोग समाप्त होते थे। महारानी स्नानोपरांत बचे हुए जल को अभिमंत्रित कर रोगी को दिया करती थी। इस जल को ग्रहण करने से नेत्र रोग के अलावा बच्चों में पाए जाने वाले विभिन्न रोगों से मुक्ति मिलती थी।
रानी के पास था दैवीय शक्तियों का भंडार :
सूर्य की उपासना से महारानी के पास दैवीय शक्तियों का भंडार था। महारानी द्वारा सूर्य नारायण भगवान के यंत्र व अष्टधातु की मूर्ति के स्नान के समय तत्कालीन चमत्कारी बर्तन से अनेक प्रकार की किरणों का प्राकट्य होता था।
देश भर में हैं मात्र तीन सूर्य मंदिर :
वर्तमान समय में देशभर में तीन सूर्य मंदिर है। जिसमें से हिमाचल प्रदेश में दो सूर्य मंदिरों में एक रामपुर के नीरथ गांव व दूसरा सुंदरनगर के ललित नगर में है। यह सुंदरनगर से दो किलोमीटर व ललित चौक से पांच सौ मीटर की दूरी पर महाराजा लक्ष्मण सेन मेमोरियल कॉलेज मार्ग पर स्थित है।
सूरजकुंड मंदिर सुधार समिति की अध्यक्षा सरला गौतम, सचिव आचार्य रोशन शर्मा और मुख्य सलाहाकार लक्ष्मीधर शर्मा ने कहा की 23 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद पानी की अवरिल धारा बहने से स्थानीय लोग प्रसन्नता से झूम उठे है और लोगों में खुशी का माहौल है। सुराजकुंड मंदिर सुधार समिति द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है कि मंदिर को बेहतर स्थिति में लाया जाए।