डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी – मरीज बिस्तर पर होता है और डॉक्टर उसके पास जाकर उसका उपचार करते हैं। लेकिन जोनल हास्पिटल मंडी में इसके उल्टा हुआ। यहां डॉक्टर बिस्तर पर था और मरीज उनके पास अपना उपचार करवाने पहुंच गया। न चाहते हुए भी डॉक्टर को मरीज की जिद्द के आगे झुकना पड़ा और उसे उपचार देना पड़ा। जोनल हास्पिटल मंडी में कार्यरत डा. दुष्यंत ठाकुर के पैर का शनिवार को आपरेशन हुआ। करीब 12 बजे उन्हें ऑपरेशन थिएटर से बाहर लाया गया। करीब 2 बजे उन्हें धर्मपुर निवासी 64 वर्षीय नारायण सिंह के परिजनों का फोन आता है और वह बताते हैं कि नारायण सिंह की हालत गंभीर बनी हुई है और वह उनसे ही उपचार करवाने की जिद्द पर अड़े हैं। हालांकि नारायण सिंह का उपचार मेडिकल कॉलेज नेरचौक में चल रहा था लेकिन वे वहां के उपचार से संतुष्ट नहीं थे और जबरन छुट्टी लेकर जोनल हास्पिटल मंडी के लिए निकल गए थे। डा. दुष्यंत मरीज की जिद्द को नकार नहीं पाए और उसे अपने पास लाने को कहा। यहां डॉक्टर साहब बिस्तर पर थे और यहीं से ही उन्होंने मरीज को देखा और उसके बाद उसे उपचार के लिए जोनल हास्पिटल के अमरजेंसी वॉर्ड में भर्ती करा दिया। डा. दुष्यंत ने बताया कि बतौर डॉक्टर उनका पहला कर्तव्य यही है कि वे मरीज को उपचार दें। इसलिए नारायण सिंह ने जो निवेदन किया उसे वे नकार नहीं पाए। उन्होंने बताया कि नारायण सिंह फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहा है और काफी समय से उनसे ही उपचार ले रहा है। डा. दुष्यंत ने बताया कि नारायण सिंह के अन्य परिजन भी उनसे लंबे समय से उपचार ले रहे हैं।
नारायण सिंह की हालत में अब सुधार हो रहा है। खुद नारायण सिंह ने बताया कि वे पहले से बेहतर महसूस कर रहे हैं। डा. दुष्यंत पर उनका अटूट विश्वास है क्योंकि इससे पहले भी इनके परिवार के कई लोगों को डा. दुष्यंत ने उपचार करके ठीक किया है। इधर नारायण सिंह ने डा. दुष्यंत के जल्द स्वस्थ होने की दुआ भी की। वहीं, नारायण सिंह के दामाद सोहन सिंह ने डा. दुष्यंत का आभार जताते हुए कहा कि ऐसे डाक्टर बिरले ही मिलते हैं जो मरीज के प्रति इतनी संवेदनाएं रखते हैं। हालांकि डा. दुष्यंत सरकारी डॉक्टर हैं जबकि प्राइवेट में भी ऐसे उदाहरण देखने को नहीं मिलते।