Edition

Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

पैरालिसिस को मात देकर आत्मनिर्भरता की मिसाल बनी सुंदरनगर की हरदीप कौर, पढ़े पूरी खबर…!!!

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी

परिश्रम और सकारात्मक सोच से हर मुश्किल से पार पाया जा सकता है। यह बात जिला मंडी के सुंदरनगर के छातर गांव की 45 वर्षीय हरदीप कौर ने सिद्ध कर दिखाई है। केवल 20 वर्ष की उम्र में ही पैरालिसिस बीमारी की शिकार हो गई थी। इसी दौरान पति भी मधुमेह से पीड़ित हो गए थे। छोटी उम्र में शादी होने पर पढ़ाई पूरी न कर पाने और पैरालिसिस होने पर हरदीप कौर पर दुखों का ऐसा पहाड़ टूटा की उसकी आंखों के आगे हर तरफ अंधेरा छा गया। खुद बीमार, पति बीमार ऊपर से दो बच्चों की जिम्मेदारी और आमदनी का कोई सहारा नहीं। इस बेबसी और लाचारी की हालत में कोई और होता तो शायद टूट कर बिखर जाता। लेकिन ऐसी विपरीत परिस्थितियों में खुद को संभाल कर हरदीप कौर ने न केवल परिवार को बिखरने से बचाया बल्कि बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाई और मधुमेह से पीड़ित पति का सहारा बनकर देखभाल की और साथ में अपने परिवार के लिए घर भी बनाया। पैरालिसिस से ग्रस्त हरदीप कौर आत्मनिर्भरता की एक मिसाल बन कर उभरी है। जो आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है।

साक्षरता समिति मंडी हरदीप के लिए बनी वरदान :

हरदीप कौर बीमारी की हालत में उस वक्त साक्षरता समिति मंडी से जुड़ी और वहां नाबार्ड द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविर में आचार, सीरा और बढ़ियां बनाना सीखा और इन्हें घर पर बनाने का काम शुरू किया। जिन्हें बेचने से थोड़ी सी आमदनी शुरू हो गई। लेकिन यह इतनी नहीं थी कि घर की सही ढंग से गुजर-बसर हो सके। तो हरदीप कौर ने पैरालिसिस की बीमारी में ही पैदल चलकर गांव-गांव अपने बनाए उत्पादों को बेचना शुरू कर दिया। ऐसा करना उसके जीवन में नई खुशी लेकर आया। ज्यादा चलने के कारण एक तो वह बीमारी से उभर पाने में सफल हो गई वहीं आमदनी में भी बढ़ौतरी होने लगी। फिर हरदीप कौर ने पीछे मुडकर नहीं देखा।

कृषि विभाग ने हरदीप को बनाया मास्टर ट्रेनर :

कृषक प्रशिक्षण केंद्र सुंदरनगर और स्वयं सहायता समूह से जुड़कर हरदीप कौर ने विभिन्न निशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त कर मोटे अनाज के व्यंजन बनाना भी शुरू कर दिए। इसके साथ ही मशरूम, एलोवेरा जैल के हैंड वॉश, साबुन आदि बनाने का प्रशिक्षण भी ले लिया। उनके कार्य को देखते हुए कृषि विभाग ने उन्हें मास्टर ट्रेनर चुन लिया। हरदीप कौर अपने उत्पादों को बेचने के लिए शिमला, चंडीगढ़, कांगड़ा, केलांग आदि जगहों पर हुए फूड फेस्टिवल में भी पहुंच गई। अब तो कृषक प्रशिक्षण केंद्र सुंदरनगर कृषि सखियों और पशु सखियों को ट्रेनिंग देने के लिए मास्टर ट्रेनर के रूप में भी उन्हें आमंत्रित करता है।

मोटे अनाज के व्यंजनों से सुदृढ हुई हरदीप की आर्थिकी :

हरदीप कौर ने कहा कि बीमार होने के बाद शुरू में आचार, सीरा, बढ़ियां, स्वेटर बुनने आदि का काम करती थी। लेकिन अब वह इसके साथ ही मोटे अनाज के व्यंजन जैसे मोमोज, सिड्डू, रागी के लड्डू, बर्फी आदि भी बनाती है। उसका अधिकतर सामान घर में ही बिक जाता है। वहीं बडे़ दुकानदार घर से ही बनाए गए सामान को ले जाते हैं। इसके अतिरिक्त वह एक दुकान भी चला रही है और चौराहों पर भी स्टॉल लगाकर सामान बेचती है। उन्होंने कहा कि घुमारवीं में खुले मिलेट शोरूम में गुणवत्ता परीक्षण के बाद बिक्री के लिए भेजना शुरू किए हैं। हरदीप ने कहा कि इससे सालाना अढ़ाई से तीन लाख रुपये की कमाई कर लेती है।

प्रदेश सरकार हिमाचल वीडियो को बना रही आत्मनिर्भर :

उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल वासियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाएं और निशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए गए हैं, जो हज़ारों परिवारों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। जिला प्रशासन मंडी द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत सभी वर्गों को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिससे महिलाएं अपना व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भर बन रही है।

Read More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें

error: Content is protected !!