डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी
जल शक्ति विभाग में अब जूनियर ड्राफ्टसमैन से ड्राफ्टसमैन की पदोन्नति 12 की जगह 7 साल में होगी। प्रदेश सरकार की ओर से जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओकार शर्मा ने गत शनिवार को इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना जारी होने से पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। पदोन्नति पर यह अवधि वर्ष 1986 से तय हुई थी जिसे कम करवाने के लिए हिमाचल प्रदेश ड्राफ्टसमैन एसोसिएशन पिछले लंबे समय से संघर्ष कर रही थी। अवधि के कारण विभाग में कैडर की हालत खराब हो कर रह गई थी मगर अब प्रदेश सरकार द्वारा बार कम करने की अधिसूचना जारी होने से ड्राफ्टसमैन कैडर के कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है।
विभाग में ड्राफ्ट्समेन के 165 पद पड़े हैं रिक्त :
जूनियर ड्राफ्टसमैन से ड्राफ्टमैन के पद पर पदोन्नति के लिए विभाग द्वारा लगाई गई नियमित सेवाओं की 12 साल की बार के चलते प्रदेश भर में ड्राफ्टसमैन के 166 पदों में से 165 पद रिक्त पड़े हुए हैं। कई कर्मचारी विभाग में अनुबंध व नियमित रुप से 15, 16 वर्ष तक सेवा देने के उपरान्त जेडीएम के पद से ही सेवानिवृत हो गए हैं मगर बार के कारण ड्राफ्ट्समैन के उस पद पर पदोन्नति ही हासिल नहीं कर पाए जिसका इन्होंने आईटीआई से दो वर्षीय डिप्लोमा कर रखा था और अभी भी विभाग में बहुत से लोग हैं जो सेवानिवृत्ति की कगार पर है मगर इस अधिसूचना से उन्हें पदोन्नति मिलने की आश जगी है।
अधिसूचना कर दी है जारी :
हिमाचल प्रदेश जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने बताया कि जूनियर ड्राफ्टसमैन से ड्राफ्टसमैन की पदोन्नति अब 12 की जगह 7 साल में होगी जिसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। साथ ही जल शक्ति विभाग के प्रमुख अभियंता को आगामी कार्यवाही के लिए भी आदेश जारी कर दिए गए हैं ताकि पदोन्नति का इंतजार कर रहे इस कैडर के कर्मचारियों की शीघ्र पद्गति हो और इन्हें राहत मिले।
एसोसिएशन ने जताया आभार हिमाचल प्रदेश ड्राफ्ट्समैन :
एसोसिएशन के प्रधान रमेश यादव ने कहा कि अवधि के कारण हमारा कैडर खत्म होने की कगार पर पहुंच गया था। हमारे बहुत से साथी विभाग को अपने जीवन के 15-16 साल देकर ऐसे ही सेवानिवृत्ति होते जा रहे थे। इस समस्या का समाधान वर्तमान प्रदेश सरकार ने किया है इसके लिए मैं हिमाचल प्रदेश ड्राफ्ट्समैन एसोसिएशन की ओर से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना तथा जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा जी का आभार प्रकट करता हूं।