भाजपा प्रदेश मुख्य प्रवक्त एवं विधायक राकेश जंवाल ने कहा की देश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चौमुखी विकास किया है। भारत ने विश्व स्तर पर एक नई पहचान हासिल की है। उन्होंने कहा की पीएम जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम- जनमन) के माध्यम से देश के सभी आदिवासियों को बड़ा फायदा हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के साढ़े सात दशकों तक वंचित और विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के समग्र विकास के लिए 24 हजार करोड़ रू की परियोजना का शुभारंभ किया है। आज से पहले देश में कभी ऐसा नहीं हुआ, यह निर्णय एतिहासिक है। उन्होंने कहा की सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, सड़क, दूरसंचार कनेक्टिविटी और स्थायी आजीविका जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने पर आधारित इस मिशन से इस वर्ग को विशेष लाभ होगा।
आज से पहले कांग्रेस पार्टी ने केवल मात्र इस पत्र को एक वोट बैंक समझा इसके ऊपर कुछ भी नहीं, कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने इस वर्ग को लेकर केवल मात्र राजनीतिक सेकने का कार्य किया। उन्होंने कहा की आयुष्मान भारत योजना, सिकल सेल अनीमिया उन्मूलन मिशन, टीबी उन्मूलन, सौ फीसदी टीकाकरण, पी एम सुरक्षित मातृत्व योजना, पी एम मातृ वंदना योजना, पोषण अभियान, जन धन योजना सहित विभिन्न योजनाओं के सम्पूर्ण कवरेज पर फोकस रखा गया है। पीएम मोदी की केंद्र सरकार ने पिछले साढ़े नौ साल से जनजातीय कल्याण के लिए अडिग प्रयास किए है। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती, 15 नवम्बर जनजातीय गौरव दिवस के रूप में ‘घोषित की गई। देश भर में 10 जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय स्थापित किये जा रहे हैं। भाजपा सरकार के दौरान जनजातीय समुदायों के लिए 50 लाख से अधिक पक्के आवास बने, 1.3 करोड़ नल कनेक्शन मिले और 1.5 करोड़ शौचालय बने। आयुष्मान योजना के तहत 95 लाख आयुष्मान कार्ड बने, साथ ही जनजातीय क्षेत्रों में जन औषधि केन्द्रों से सस्ती और अच्छी दवाई उपलब्ध करवाई गई।
जनजातीय समुदाय को सिकल सेल अनीमिया से मुक्ति दिलाने के लिए राष्ट्रीय मिशन लागू किया गया। एकलव्य स्कूलों की स्वीकृति में साढ़े साथ गुना वृद्धि हुई, 2004-2013 में 90 स्कूलों के मुकाबले 2014-2023 में करीब 700 स्कूल मिशन वन धन के तहत खोले गए है। 61 हजार स्वयं सहायता समूहों के जरिये 11 लाख जनजातीय भाई बहन लाभान्वित हुए है। उन्होंने कहा की यह केवल पीएम मोदी की अथक मेहनत और परिश्रम के कारण हुआ है। कांग्रेस पार्टी के नेताओ ने इस प्रकार की सोच कभी रखी ही नहीं, केवल वोट बैंक की राजनीति पर फोकस रखा।