डेली हिमाचल न्यूज़ : शिमला
प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार द्वारा एक नायाब काम शुरू किया गया है और वह यह है कि पिछली भाजपा सरकार द्वारा खोले गए कार्यालयों, स्कूलों, अस्पतालों को बंद किया जाए और दोबारा एक वर्ष बाद, दो वर्ष बाद, तीन वर्ष बाद उन्हीं संस्थानों को खोलकर कांग्रेस पार्टी का फट्टा लगार श्रेय, यश लेना शुरू किया जाए। दून विधानसभा क्षेत्र में पूर्व भाजपा सरकार द्वारा एसडीएम का दफ्तर व बीडीओ के दफ्तर खोले गए। दोनों दफ्तर बखूबी चल पड़े थे, काम कर रहे थे, अधिकारी, कर्मचारी नियुक्त हो गए थे लेकिन राजनैतिक प्रतिशोध की भावना से दोनों कार्यालयों को आनन-फानन में बिना कैबिनेट मंजूरी के बंद कर दिया और कांग्रेस के मंत्री, विधायक, मुख्यमंत्री सभी ने जोर-जोर से कहा कि इन दफ्तरों की जरूरत नहीं थी जिन्हें खोल दिया गया।
डाॅ. बिंदल ने कहा कि 2022 में स्थानीय जनता की मांग पर माननीय तात्कालिक भाजपा विधायक की मांग पर भाजपा सरकार ने इन कार्यालयों को खोला और जनता को सुविधा उपलब्ध करवाई, जिसका कांग्रेस द्वारा विरोध किया गया और इन कार्यालयों को बंद करवा दिया लेकिन अब दोबारा से इन कार्यालयों को खोलने की अधिसूचना की जा रही है और जनवरी माह में यह कार्यालय खुलेंगे, ऐसी घोषणा की गई है।
राजीव बिंदल ने मुख्यमंत्री और सरकार से पूछा सवाल :
डाॅ. बिंदल ने मुख्यमंत्री एवं सरकार से सवाल पूछा कि, 2022 में भाजपा द्वारा जनता की मांग पर खोले गए संस्थान कांग्रेस पार्टी को गलत लग रहे थे और उन्हें बंद करवा दिया गया और 2023 में अब उन्हें कार्यालयों को उसी प्रकार से खोलकर वाहवाही लूटने का प्रयास किया जा रहा है। सवाल यह है कि 2022 में यह संस्थान खुलना गलत था तो 2023 में सही कैसे हो गया? (आप करो तो पुण्य, हम करें तो पाप), डाॅ. बिंदल ने कहा कि इसी प्रकार प्रदेशभर में जो 1500 स्कूल, कार्यालय, अस्पताल बंद किए हैं उन्हें राजनैतिक सुविधा के आधार पर खोला जाएगा और इन्हीं संस्थानों पर राजनीति चमकाई जाएगी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह प्रदेश की जनता के साथ अन्याय है, धोखा है। लेकिन प्रदेश की जनता लोकतांत्रिक तरीके से कांग्रेस पार्टी से अवश्य बदला लेगी।
Author: Daily Himachal News
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