डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी-गोहर : संजीव कुमार
मंडी जिला के गोहर उपमंडल के छपराहण में एक विवाहिता द्वारा जहरीला पदार्थ खाने से उपचार के दौरान मौत होने का मामला सामने आया है। लेकिन हैरानी कि बात यह है कि मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग विवाहिता का पोस्टमार्टम करना ही भूल गया।
जानकारी के अनुसार 2 अगस्त को 22 वर्षीय अनुपमा कुमारी पत्नी चंद्रेश कुमार अपने मायके सतयोगी (स्यांज) गई हुई थी। इसी दौरान मायके में ही अनुपमा ने किसी जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया। परिजनों ने अनुपमा को सिविल अस्पताल गोहर पहुंचाया और प्रारंभिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे मेडिकल कालेज नेरचौक रेफर कर दिया। उपचाराधीन अनुपमा की 3 अगस्त को देर रात तबीयत बिगड़ी और अनुपमा की 3 बजे मौत हो गईं। इसके उपरांत नेरचौक मेडिकल कालेज के डॉक्टरों ने अनुपमा की डिस्चार्ज स्लिप बनाकर परिजनों को सौंप दी और डेड बॉडी को घर ले जाने के लिए कहा। लेकिन सुबह घर में अनुपमा के दाह संस्कार की तैयारी चल ही रही थी कि उस दौरान गोहर पुलिस का फोन आया कि डेड बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए नेरचौक ले जाना पड़ेगा। उसके बाद गोहर पुलिस डेड बॉडी को अपने साथ पोस्टमार्टम कराने के लिए नेरचौक स्थित मेडिकल कॉलेज में ले गई।
हैरानी की बात यह है कि जब परिजनों ने अनुपमा के पोस्टमार्टम के लिए जब डॉक्टरों को बोला तब वहां पर तैनात डॉक्टरों ने परिजनों की एक न सुनी। लेकिन जैसे ही अनुपमा के घर (छपराहण) उसके दाहसंस्कार की घर पर तैयारी चल रही थी गोहर पुलिस अनुपमा के घर आ पहुंची व डेडबॉडी को पोस्टमार्टम के लिए साथ ले गई।
थाना प्रभारी गोहर लाल सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि नेरचौक मेडिकल कालेज में तैनात स्टाफ को यह ज्ञात नही था कि यह एमएलसी केस है। जब उनको पता चला तब मेडिकल कालेज से गोहर पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद पुलिस ने शव कब्जे में लेकर उसका पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया है। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के बयान कलमबद्ध कर दिए गए है और किसी ने कोई शक जाहिर नही किया है।