डेली हिमाचल न्यूज़ : सुंदरनगर
मंडी जनपद के अराध्य बड़ा देव श्री कमरूनाग आजकल सुकेत नगरी में भक्तों के घरों में आथित्य स्वीकार कर रहे हैं। इस दौरान दो देवलू दीपक ठाकुर और कमलेश ठाकुर आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। दोनों देवलू भारतीय सेना में कार्यरत हैं और देव आस्था के चलते अवकाश लेकर विशेष रूप से देवता के प्रति बरसों पुरानी परंपरा निभाने के लिए सुंदरनगर पहुंचे हैं। दोनों देवता के साथ अपने-अपने परंपरा अनुसार निहित कार्यों को पूरा कर रहे हैं। इनमें कमलेश ठाकुर देव श्री कमरूनाग को उठाने का कार्य और दीपक देवता के खास वाद्य यंत्र काहुली को बजाने का कार्य करते हैं। कमलेश पश्चिम बंगाल और दीपक अरूणाचल प्रदेश में कार्यरत हैं। दोनों सेना के जवान उपमंडल सुंदरनगर के ग्राम पंचायत रोहांडा के गांव औकल के स्थाई निवासी हैं। वहीं दोनों सेना के जवान देव कार्य पूरा होने के बाद देवता की मूल कोठी मझोठी में पहुंचने के उपरांत अपने संबंधित कार्यस्थल पर वापिस लौट जाएंगे। लेकिन इन दोनों सेना के जवानों की बड़ा देव श्री कमरूनाग के प्रति अदाध आस्था और निष्ठा ने सभी भक्तजनों को वाभ विभोर कर दिया है।
बड़ा देव श्री कमरूनाग कमेटी मझोठी के सचिव दुनी चंद ठाकुर ने कहा कि देव कमरूनाग के अपने मूल कोठी मझोठी स्थित भंडार से बाहर निकलने के बाद सभी कमेटी के सदस्य मौजूद होना अनिवार्य है। इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इन दोनों सेना के जवानों द्वारा अपनी स्थानीय परंपरा का निर्वहन करते हुए शिरकत की जा रही है। गौरतलब है कि देव कमरूनाग राज्यस्तरीय सुकेत देवता मेला-2024 में शिरकत करने के लिए 9 अप्रैल को शुकदेव ऋषि की तपोस्थली सुंदरनगर पहुंचे थे। इस दौरान देव श्री कमरूनाग ने 5 दिवसीय मेले में भक्तों को आशीर्वाद दिया और इसके उपरांत देव कमरूनाग बीते 20 दिनों से प्रतिदिन 4 से 5 भक्तों के घरों पर आथित्य स्वीकार कर रहे हैं।