
कांगड़ा/नूरपुर (भूषण शर्मा) सरकार द्वारा गरीब व पात्र लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना से लेकर मुख्यमंत्री आवास योजना तक का प्रचार प्रसार तो बहुत किया जा रहा है कि आवेदन करते ही पात्र व्यक्ति को योजना के तहत आवास सुविधा प्रदान की जाएगी लेकिन धरातल पर यह योजनाएं पात्र लोगों के लिए कितनी कारगर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि व्यक्ति पिछले 4 वर्षों से दर-दर ठोकरें खाने को मजबूर है लेकिन उसे आज तक मकान नहीं मिल पाया।
बुद्धि सिंह ने रोते-बिखलते हुए बताया कि वह पिछले चार वर्षों से मकान के लिए मिलने वाले अनुदान को लेकर अपना आवेदन लेकर जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक स्तर तक हर द्वार पर दस्तक देने पहुंचा लेकिन मुझ अभागे के आवेदन पर किसी की नजर नहीं पड़ी और न ही किसी ने मौके के हालातों को समझने की जहमत उठाई। आलम यह है कि वर्तमान में बुद्धि सिंह के कच्चे मकान हालत बहुत ही दयनीय हो चुकी है । छत पर पड़े स्लेट जगह जगह से टूट चुके हैं सारी दीवारें फट चुकी हैं लकड़ी की हालत बहुत नाज़ुक हो चुकी है और उसका मकान कभी भी हादसे का शिकार होकर परिवार के लिए बहुत बड़ा खतरा बन सकता है। बुद्धि सिंह ने बताया कि बारिश के दौरान सारा परिवार जागकर रात गुजारने को मजबूर रहता है। बुद्धि सिंह ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि उसे और उसके परिवार को सुरक्षित छत अतिशीघ्र मुहैय्या करवाई जाए अन्यथा सिर पर आ चुकी बरसात उसके परिवार पर कोई भी कहर ढा सकती है।

वही, प्रधान नरेश सेन ने बताया की बीपीएल श्रेणी और अनुसूचित जाति से सम्बन्धित बुद्धि सिंह को आवास सुविधा के लिए चयनित किया गया है जैसे ही स्वीकृति मिलेगी उसे मकान के लिए अनुदान सहायता उपलब्ध करवा दी जाएगी।

Author: Daily Himachal News
