डेली हिमाचल न्यूज़ – मंडी : हिमाचल प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं लगातार बदहाल हो रही हैं और मंडी जिला इसकी सबसे बड़ी कीमत चुका रहा है। मंडी जोनल अस्पताल और नेरचौक मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के लगातार तबादलों ने स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह चरमरा दिया है। मात्र दो सप्ताह में 11 डॉक्टरों के ट्रांसफर के बावजूद उनकी जगह नई नियुक्तियां नहीं की गई है। इससे इमरजेंसी सेवाएं ठप हो गई हैं, और मरीजों को समय पर इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। यह बात प्रदेश भाजपा मुख्य प्रवक्ता एवं सुंदरनगर विधायक राकेश जंवाल ने प्रदेश सरकार की नीतियों पर तीखा हमला करते हुए कही। राकेश जंवाल ने कहा की मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मंडी के साथ भेदभाव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी विषयों पर ध्यान नहीं देकर जनता को धोखा दिया है।
मंडी की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल, इमरजेंसी सेवाएं ठप : जंवाल
राकेश जंवाल ने कहा की मंडी जोनल अस्पताल में 48 स्वीकृत पदों में से 16 पद खाली हो चुके हैं। हाल ही में यहां से 5 इमरजेंसी सेवाओं में तैनात डॉक्टरों का ट्रांसफर कर दिया गया, जबकि एक सप्ताह पहले ही 2 डॉक्टर बदले गए थे। यही हाल नेरचौक मेडिकल कॉलेज का है, जहां अब इमरजेंसी सेवाओं में केवल एक डॉक्टर बचा है। आयुष्मान भारत, हिमकेयर और सहारा योजना जैसी योजनाए जो प्रदेश सरकार की लापरवाही के चलते ठप पड़ी हैं के कारण मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है, और वे दर-दर भटकने पर मजबूर हैं।
प्रदेशभर में स्वास्थ्य सेवाएं बदतर, जनता बेहाल : जंवाल
राकेश जंवाल ने कहा की मंडी ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल चिंताजनक है। डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की भारी कमी के साथ साथ आयुष्मान और हिमकेयर जैसी योजनाओं को कागजों तक सीमित कर दिया है। स्वास्थ्य सुविधाओं की यह दुर्दशा कांग्रेस सरकार की नाकामी का जीता-जागता उदाहरण है। राकेश जंवाल ने मंडी के कांग्रेस नेताओं पर मुख्यमंत्री के दबाव में चुप्पी साधने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मंडी के हितों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है, और कांग्रेस नेता इसे लेकर पूरी तरह मूकदर्शक बने हुए है. राकेश जमवाल ने मांग की कि बदले गए डॉक्टरों की जगह तुरंत नई नियुक्तियां की जाएं और मंडी सहित पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो प्रदेशभर में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप हो जाएंगी। उन्होंने कहा की स्वास्थ्य सेवाओं की यह दुर्दशा न केवल जनता के साथ अन्याय है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का भी प्रतीक है।