डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी
हिमाचल प्रदेश में शिमला में 1971 में विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। ताकि छात्रों को अपने प्रदेश में ही उच्च शिक्षा मिल सके। उसके बाद भाजपा ने छात्र हित की बात सोची और मंडी में करीब 72 साल के बाद सरदार पटेल विवि को खोला गया। लेकिन आज कांग्रेस पार्टी उसे बढ़ा करने की बजाय घटाने का काम कर रही है। इससे पता चलता है कि कांग्रेस छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए भाजपा के मंडी लोकसभा प्रभारी, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि मंडी में खोले गए सरदार पटेल विवि से जिला मंडी, कुल्लू, लाहुल-स्पीति, कांगड़ा, चम्बा, हमीरपुर के छात्रों को फायदा मिल रहा था लेकिन सरकार ने आज 35 हजार छात्रों के हितों के विरोध में यह फैसला लिया है। जिसे बिलकुल भी बर्दाश्त नही किया जाएगा।
पूर्व शिक्षा मंत्री का कहना है कि इस विश्वविद्यालय से 6 जिला के 127 कॉलेज जुड़े हुए हैं और 35 हजार छात्रों को इससे फायदा मिल रहा है। इसके अलावा 600 छात्रों के द्वारा विश्वविद्यालय में सीधे तौर पर भी एडमिशन ली गई है। लेकिन अब कांग्रेस के द्वारा इसका दायरा काम किया जा रहा है और मात्र 45 कॉलेज को इसके साथ जोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूर्व की भाजपा सरकार में इसके लिए बासा धार में 425 बीघा भूमि का भी अधिग्रहण किया है और एफसीए का केस भी मंजूरी के लिए भेजा गया है। ऐसे में जब पूर्व भाजपा सरकार ने इस विश्वविद्यालय के संचालन के लिए सभी औपचारिकताओं को पूरा किया है। तो कांग्रेस किन कारणों के चलते अब इसका दायरा कम कर रही है। इस बात की जानकारी भी अब कांग्रेस सरकार को छात्रों को देनी चाहिए। कांग्रेस सरकार के द्वारा अब इस विश्वविद्यालय के दायरे में जिला मंडी, जिला लाहौल स्पीति व जिला कुल्लू के कॉलेज को ही जोड़ा गया है।
नौकरी देने के नाम पर युवाओं के साथ कांग्रेस ने किया छल : गोविंद ठाकुर
वहीं, पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही कहा था कि हर साल एक लाख युवाओं को नौकरी दी जाएगी। लेकिन जेओआईटी का पेपर का रिजल्ट अभी तक नहीं निकल गया है। प्रदेश के 7500 युवाओं के द्वारा यह पेपर दिया गया है और रिजल्ट ना आने के चलते सभी युवा आज अधर में लटके हुए हैं। गौर रहे कि पूर्व जयराम सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2022 में सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी की स्थापना की थी। वर्ष 2022 में अस्थायी कैंपस में विश्वविद्यालय का शुभारंभ कर दिया गया था, लेकिन कांग्रेस की सरकार सत्ता में आने के बाद अब एसपीयू से जिलों को कम करने की प्रक्रिया शुरू हुई। एसपीयू के शुभारंभ के दौरान पूर्व भाजपा सरकार ने दोनों विश्वविद्यालय के अधीन छह-छह जिलों के कालेज किए। जिस जिला को जो विश्वविद्यालय नजदीक पड़ा, उसमें शामिल किया गया। उस दौरान पूर्व बीजेपी सरकार का कहना था कि पिछले कुछ समय से प्रदेश में सरकारी व निजी महाविद्यालयों की संख्या में बढ़ौतरी हुई है। इससे प्रदेश के एकमात्र विश्वविद्यालय पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। सरकार ने इसके बाद सुझाव आने पर मंडी में प्रदेश विश्वविद्यालय खोलने का निर्णय लिया। पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर का कहना है कि यह सरकार जनविरोधी निर्णयों के लिए जानी जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को जनता को दिए जाने वाली सुविधाएं अच्छी नहीं लगती, शायद कांग्रेस का यह कल्चर है कि वह केवल अपने बारे में ही सोचते हैं और जनता के बारे में नहीं। आज इस विश्वविद्यालय को बचाने के लिए छात्र, व अन्य सामाजिक संस्था भी आगे आ रही है। सभी वर्गाे के लोग आज सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे है। उन्होंने कहा किस फैसले के बारे में सरकार सोचे नही आने वाले समय मे पूरे हिमाचल के छात्र, सामाजिक संस्था व भाजपा सड़कों पर उतरेगी जिसका खामियाजा वर्तमान प्रदेश सरकार को भुगतना पड़ेगा।