हिमाचल में इकोसिस्टम के साथ-साथ पर्यटन व्यवसाय को भी बढ़ावा दे रहा वन्य जीवन : राजीव कुमार

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डेली हिमाचल न्यूज़ : सुंदरनगर – हिमाचल प्रदेश में वन्य जीवन इकोसिस्टम के साथ-साथ पर्यटन व्यवसाय को भी बढ़ावा देता है। टूरिज्म साथ वन संरक्षण की जानकारी देने से एक नई पहल शुरू की जा सकती है। यह बात शनिवार को हिमाचल प्रदेश वन विभाग के प्रधान मुख्य अरण्यपाल राजीव कुमार ने दी। इस मौके पर उन्होंने प्रदेश वन अकादमी सुंदरनगर में हिमाचल के 12 वन वृतों से आए 54 वन रक्षकों के विधिवत दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस कोर्स की अवधि 6 माह रही और इस बार अकादमी से वन रक्षकों का 34वां बैच अपना प्रशिक्षण पूरा कर अपने कार्य क्षेत्र में चले गए हैं। आईएफएस राजीव कुमार ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हिमाचल प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र की 15 प्रतिशत भूमि संरक्षित क्षेत्र में आता है। इसमें अभ्यारण्य और नेशनल पार्क मौजूद हैं। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर संरक्षित क्षेत्र की औसत मात्र 5 प्रतिशत ही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय औसत 3 प्रतिशत क्षेत्र वन्य जीवन के लिए निर्धारित किया है। प्रदेश के ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर माना है। इससे हजारों टूरिस्ट इसके क्षेत्र को देखने के लिए जाते हैं। धौलाधार सेंचुरी भी पर्यटकों में आकर्षक का केंद्र है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की आमदनी होती है और उनकी जंगलों पर निर्भरता कम होने से वन संरक्षण में सहायता मिलती है।

राजीव कुमार ने कहा कि प्रदेश में विभाग के लिए वनों का अवैध कटान हमेशा चिंता का विषय रहा है। विभाग का वनों के अवैध कटान के साथ सख्ती से निपटने के लिए भरकस प्रयास किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहां भी अवैध कटान की कोई जानकारी प्राप्त होती है वहां विभाग द्वारा कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाती है। इसको लेकर अवैध कटान के मामलों को न्यायालय में भी ले जाया जाता है। वन कटान के छोटे मामलों में उलंघनकर्ता को जुर्माना भी लगाया जाता है। लेकिन वनों के अवैध कटान के मामलों में दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें विभाग के स्टाफ की संलिप्तता होने पर उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाती है।

वन रक्षकों के प्रशिक्षण कोर्स में अभिषेक चौधरी ने सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु बनकर स्वर्ण पदक हासिल किया। अभिषेक प्रदेश वन विभाग के हमीरपुर सर्किल के फॉरेस्ट डिविजन ऊना में बतौर वन रक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। प्रशिक्षण कोर्स में अभिषेक चौधरी को एक स्वर्ण और 2 रजत पदकों के साथ स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। वहीं इस मौके पर अभिषेक चौधरी ने कहा कि वन प्रशिक्षण अकादमी में 6 माह के कोर्स के शिक्षकों ने अच्छा प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को वनों से संबंधित विषयों पर हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तराखंड और हिमाचल का भ्रमण भी करवाया गया।

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