ऊना : हिमाचल प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं निशुल्क होती तो आज एक छात्रा दुनिया को अलविदा नहीं कहती। छात्रा की मौत हमारे सिस्टम पर एक बड़ा तमाचा है।
पापा ! मैं जा रही हूं, क्योंकि आप पर बोझ नहीं बनना चाहती। आपने मेरे लिए बहुत कुछ किया है। काश मैं आपके लिए भी कुछ कर पाती। मेरी पढ़ाई पर खर्च होने के कारण आप अपने लिए दवा नहीं ले पा रहे हैं। इस बोझ के साथ मैं जीना नहीं चाहती। मैंने जो पैसे रखे हैं उससे आप अपने लिए दवा खरीद लेना। कुछ पैसे मेरे बैग में भी हैं, उसमें से पैसे निकालकर आप छोटी बहन को एक सूट खरीदकर दे देना। पापा आप दुःखी मत होना और छोटी बहन को खूब पढ़ाना…आपकी बेटी। यह खत हमनें नहीं बल्कि एक बेटी ने पापा के नाम लिखा और फंदे पर झूल कर दुनिया को अलविदा कह गई. युवा क्या हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला के एक गांव का है जहां बीते मंगलवार को एक बीबीए की छात्रा ने आर्थिक हालात से तंग आकर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। छात्रा ने फंदा उस समय लगाया जब पिता किसी काम से घर से बाहर गए थे और मां मनरेगा में मजदूरी करने के लिए गई थी। भाई व बहन भी स्कूल में थे। माता-पिता जब घर में पहुंचे तो बेटी को फंदे पर झूलता देख उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। अस्पताल उन्होंने बेटी को नजदीकी पहुंचाया। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उधर, सूचना मिलने पर पुलिस अस्पताल पहुंची और परिजनों के बयान दर्ज कर मामले में जांच शुरूकी. बता दे की मृतक छात्रा के पिता लोहार की दुकान करते थे, लेकिन सांस लेने में दिक्कत होने कारण दुकान बंद करनी पड़ी। पिता दिहाड़ी लगाकर व मां मनरेगा में मजदूरी कर घर का खर्च चलाने के साथ बच्चों को पढ़ा रहे थे। कुछ दिनों से पिता की तबीयत ज्यादा खराब रहने लगी और दवा का खर्च भी बढ़ गया। बड़ी बेटी को कालेज जाने के लिए रोज किराये आदि के लिए पैसे की आवश्यकता होती थी। छात्रा पढ़ाई में होशियार थी और जमा दो में उसे छात्रवृत्ति भी मिली थी। लेकिन अब छात्रा दुनिया को अलविदा कह चुकी है. वही पुलिस मामले में जांच कर रही है।
उधर, पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन ठाकुर के अनुसार पुलिस मामले में जांच कर रही है।