डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी
प्रदेश के सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों में कार्यरत टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को बायोमेट्रिक अटेंडेंस लगानी अब जरुरी होगी नहीं तो वें परेशानी में पढ़ सकते है। हिमाचल हाईकोर्ट के आदेश की पालना सुनिश्चित करवाते हुए राज्य सरकार की ओर से इसको लेकर शैक्षणिक संस्थानों को गाइडलाइन जारी की जा चुकी है। सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मंडी का टीचिंग स्टाफ बायोमेट्रिक अटेंडेंस नहीं लगा रहा था। अब यहां सख्ती बरतते हुए यूनिवर्सिटी के फायनांस ऑफिसर कार्यालय ने 26 टीचिंग स्टाफ की सैलरी रोक दी है। हर माह पहली तारीख को एसपीयू में सैलरी रिलीज कर दी जाती है, लेकिन इस बार 4 जनवरी तक भी टीचिंग स्टाफ को सैलरी नहीं मिली है। इससे टीचिंग स्टॉफ में भारी रोष देखने को मिल रहा है।
दिलचस्प यह है कि एसपीयू की प्रति कुलपति अनुपमा सिंह ने इस मामले में टीचिंग स्टाफ का बचाव किया है। उन्होंने मीडिया को जारी एक बयान में कहा कि बायो मेट्रिक अटेंडेंस के संबंध में आदेश स्कूलों और कॉलेजों के लिए हुए है। रजिस्ट्रार बायो मेट्रिक अटेंडेंस को सरदार पटेल यूनिवर्सिटी में भी लागू करवाना चाहते हैं। प्रति कुलपति अनुपमा सिंह का कहना है कि आज की मौजूदा समय में प्रदेश की किसी स्टेट यूनिवर्सिटी में बायोमेट्रिक अटेंडेंस पर अमल नहीं किया जा रहा है। जबकि उन्हें यह नहीं पता ही उन्हें ही क्यों बायोमेट्रिक अटेंडेंस के लिए चुना गया है।
बायोमेट्रिक अटेंडेंस लगाना जरूरी : मदर कुमार
एसपीयू मंडी के रजिस्ट्रार का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे एडीएम मंडी मदन कुमार से जब बातचीत की गईं to उन्होंने बताया कि राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ के लिए बायो मेट्रिक अटेंडेंस लगाना अनिवार्य कर दिया गया है, इस संबंध में आदेश जारी हो चुके हैं। एसपीयू में टीचिंग स्टाफ बायोमेट्रिक अटेंडेंस नहीं लगा रहा था, इस मामले में नोटिस भी भेजे गए लेकिन कोई अमल नहीं हुआ। बायोमेट्रिक अटेंडेंस नलगाने के कारण टीचिंग स्टाफ की इस माह की सैलरी रोक दी गई है।
Author: Daily Himachal News
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