Mandi News : सहकर्मी द्वारा फर्जी आइडी बनाकर दूसरे के पति को मैसेज भेजने पर हंगामा, पुलिस जांच तेज

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डेली हिमाचल न्यूज़ – मंडी : मंडी शहर में इंटरनेट मीडिया का दुरुपयोग करते हुए फर्जी आइडी बनाकर दूसरे के पति को मैसेज भेजने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। मामला अब शहरी पुलिस चौकी मंडी तक पहुंच चुका है, जहां स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत दो महिला कर्मियों के बीच यह विवाद पुलिस जांच के दायरे में आ गया है। शिकायत मिलते ही पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।

शिकायतकर्ता महिला कर्मचारी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी ही सहकर्मी ने किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी आइडी तैयार की। इसके बाद उसी फर्जी प्रोफाइल से लगातार उसके पति को मैसेज भेजे जाते रहे। महिला का आरोप है कि इन संदेशों में कुछ अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री भी शामिल थी, जिससे वह और उसका परिवार मानसिक रूप से अत्यंत परेशान हुए।

शिकायतकर्ता के अनुसार, उसने अपने स्तर पर इस मामले की पड़ताल की और कई तकनीकी सुरागों के आधार पर यह पाया कि फर्जी अकाउंट उसकी सहकर्मी का ही बनाया हुआ था। इसके बाद उसने मामले को पुलिस के संज्ञान में लाया।

इधर, पुलिस द्वारा पूछताछ किए जाने पर आरोपी महिला कर्मचारी ने सभी आरोपों से साफ तौर पर इन्कार किया है। उसने कहा कि उससे जुड़े सभी आरोप निराधार और झूठे हैं।

शहरी पुलिस चौकी की टीम अब पूरे प्रकरण की तकनीकी जांच में जुट गई है। संदिग्ध मोबाइल नंबरों, इंटरनेट लॉग और फर्जी आइडी से जुड़े डिजिटल ट्रेल की बारीकी से जांच की जा रही है। पुलिस ने संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से भी आवश्यक तकनीकी विवरण और आइपी एड्रेस की जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए औपचारिक अनुरोध भेज दिया है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि प्रथमदृष्टया मामला गंभीर प्रतीत हो रहा है और साइबर अपराध की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। जांच में यदि आरोपों की पुष्टि होती है, तो संबंधित महिला कर्मचारी के खिलाफ साइबर कानूनों और आईटी एक्ट के तहत औपचारिक केस दर्ज किया जाएगा।

इस घटना ने कार्यस्थल की पारदर्शिता, आपसी विश्वास और इंटरनेट मीडिया के गलत इस्तेमाल को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि या उत्पीड़न की स्थिति में तुरंत शिकायत करें, ताकि ऐसे मामलों को रोका जा सके और दोषियों के विरुद्ध समय पर कार्रवाई की जा सके।

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