मंडी, 29 जुलाई : नेरचौक स्थित मेडिकल कॉलेज से सिजेरियन प्रसव के बाद महिला को घर छोड़ने भेजी एंबुलेंस रास्ते में ही खराब हो गई। जिसके कारण जच्चा-बच्चा व उनके तीमारदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। जब दूसरी एंबुलेंस भेजने के लिए 102 पर फोन के माध्यम आग्रह किया गया तो आरोप है कि उस तरफ से बतमीजी की गई। एक घंटे तक बीच सड़क में एंबुलेंस में फंसे जच्चा-बच्चा को बाद में टैक्सी के माध्यम से घर लाना पड़ा। एंबुलेंस सेवा की इस लापरवाही पर स्थानीय लोगों में रोष है। गौरतलब है कि 24 जुलाई को जरल गांव निवासी महिला दया (28) पत्नी तारा चंद की सिजेरियन ऑपरेशन का माध्यम से नेरचौक स्थित मेडिकल कॉलेज से बेटे का जन्म हुआ। शुक्रवार 29 जुलाई को महिला की सेहत में सुधार के बाद दोपहर करीब 12 बजे उन्हें सरकार की निशुल्क 102 एंबुलेंस सेवा के माध्यम से ग्राम पंचायत जुगाहन के जरल गांव के लिए बच्चे व तीमारदार के साथ भेजा गया। लेकिन सुंदरनगर के धनोटू में महिला के घर से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर एंबुलेंस खराब हो गई। जिसके कारण भारी गर्मी में जच्चा-बच्चा को एंबुलेंस में ही बैठना पड़ा। महिला के रिश्तेदार गुरदयाल चौधरी ने जब 102 एंबुलेंस सेवा पर कॉल कर एंबुलेंस खराब होने की बात कह दूसरी एंबुलेंस भेजने को कहा तो ऑपरेटर ने बतमीजी की और एक घंटा इंतजार करने के बाद भी जब दूसरी एंबुलेंस न पहुंची को मजबूरन परिजनों को जच्चा-बच्चा को टैक्सी के माध्यम से घर ले जाना पड़ा।