मंडी-पंडोह एनएच में धीमी गति से चल रहा मलबा हटाने का कार्य, सीधे ब्यास में हो रहा डंप…!!!

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डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी – पंडोह : मंडी-पंडोह एनएच में मलबा व चट्टाने हटाने का कार्य बेहद धीमी गति से चल रहा है। हालात यह है कि कंपनी सभी नियम कायदों को ठेंगा बताते हुए मलबा सीधे ब्यास में डंप करने में लगी हुई है। प्रशासन के नाक तले यह सब हो रहा है, लेकिन कंपनी को रोकने वाला कोई नहीं है। मलबा हटाने का कार्य कच्छुआ गति में चलने के कारण आगामी पर्यटन सीजन पर इसका असर देखने को मिल सकता है। प्रशासन व एनएचएआई यहां लगातार हरसंभव प्रयास में लगा हुआ है, लेकिन कार्य करने में लगी हुई कंपनी प्रबंधन बेहद सुस्त है। कंपनी पहले भी अपनी कार्यप्रणाली को लेकर चर्चित रही है, लेकिन हिदायत के बावजूद कोई खास असर धरातल पर देखने को नहीं मिल रहा है। मंडी से पंडोह के बीच के कुछ जगह मलबा व चट्टानें प्रशासन व एनएचएआई के लिए भी सिर दर्द बने हुए हैं। यहां कई हादसे अब तक सामने आ चुके हैं। ऐसे में बरसात व पर्यटन सीजन शुरू होने से पहले इन्हें हटाना बेहद जरूरी हो गया है। मंडी से पंडोह के बीच कुछ जगहों में भारी भरकम चट्टाने लटकी हुई हैं। कंपनी की तरफ से इन्हें ड्रिल किया जा रहा है। इसके बाद वीरवार से यहां कंट्रोल ब्लॉस्टिंग होगी। फिलहाल एनएच को मंडी से पंडोह के बीच दिन में दो शिफ्टों में चार घंटे बंद किया जा रहा है। जबकि पुलघराट में दो एनएच के जंक्शन के कार्य के लिए मनाली-चंडीगढ़ एनएच रात को पांच घंटे 12 से 5 बजे तक बंद किया जा रहा है। इस दौरान वैकल्पिक मार्ग से आवाजाही हो रही है।

उधर, पंडोह निवासी टेक सिंह, अश्वनी पठानिया व मंडी निवासी रजनीश गुप्ता ने बताया कि कंपनी को मलबा हटाने के कार्य में तेजी लानी चाहिए। ताकि आगामी पर्यटन सीजन सही तरीके से चल सके। कंपनी जिस गति से मलबा उठाने का कार्य कर रही है, उससे कई हफ्तों का समय लग सकता है। शासन व प्रशासन को इसमें संज्ञान लेना चाहिए।

3:30 से 5:30 तक रूकेगा यातायात :

पंडोह से आने व जाने वालों की असुविधा को देखते हुए शाम वाली शिफ्ट का समय 3:15 के बजाए 3:30 बजे कर दिया है। अब ट्रैफिक 5:30 बजे तक रोका जाएगा। स्कूली बच्चों, शिक्षकों व अन्य को पेश आ रही दिक्कतों को देखते हुए समय में बदलाव किया गया है। उधर, एएसपी सागर चंद्र ने बताया कि फीडबैक के अनुसार समय में बदलाव किया गया है। जनहित हमेशा सर्वोपरि है।
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लटकी हुई चट्टाने बेहद बड़ी हैं। इन्हें ब्लास्ट करके ही हटाया जा सकता है। इसी कारण देरी हो रही है। ब्लॉस्टिंग के लिए ड्रिलिंग जारी है। कंपनी अपनी तरफ से मलबा जल्द से जल्द उठाने का प्रयास कर रही है।
-राज शेखर, प्रोजेक्ट मैनेजर, केएमसी कंपनी।

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