मंडी : निजी वाहनों से स्कूल आने-जाने वाले बच्चों का जीवन सुरक्षित नही है। शराब के नशे में धुत्त होकर वाहन चलाकर स्कूली बच्चों की जान से खिलवाड़ करने का एक ऐसा ही मामला सुंदरनगर शहर में सामने आया है। गाड़ी में सफर करने वाले बच्चे और उनके अभिभावक यदि विरोध नहीं करते तो बड़ा हादसा हो सकता था। शहर के एक निजी स्कूल में बच्चों को लाने और छोडऩे के लिए हडेटी सहित शहर के अन्य वार्डों के अभिभावकों ने एक टैंपो ट्रेवल गाड़ी को किराए के रूप में अधिगृहित किया था। मंगलवार को गाड़ी का चालक हीरा सिंह शराब के नशे में धुत्त होकर बच्चों को लाने स्कूल पहुंच गया। गाड़ी में छोटी कक्षा से लेकर दसवीं तक के करीब 20 बच्चे थे। छुट्टि होने के बाद बच्चे गाड़ी में बैठे तो चालक को शराब के नशे में धुत्त पाया। इस पर बच्चों ने चालक से गाड़ी न चलाने का आग्रह किया। लेकिन चालक बच्चों पर ही बिफर गया और उनसे बदसलूकी करने लगा। यही नहीं चालक ने छोटे बच्चों से उनके स्नेक्स के पैकेट तक छीन लिए। किसी तरह बच्चों को डराकर उन्हें छोडऩे के लिए हंडेटी पहुंचा तो अभिभावक बच्चों को लेने के लिए खड़े हुए थे। गाड़ी से रोते हुए उतरते एक महिला अभिभावक ने बच्चे से रोने का कारण पूछा तो उसने मां को सारा वाक्य सुनाया। इस पर महिला ने चालक से बात करनी चाही तो चालक ने उनसे अभद्र व्यवहार करना शुरू कर दिया। महिला ने तुरंत गाड़ी की चाबी बाहर निकाल ली। इस दौरान वहां चांगर वार्ड की पार्षद चिंता डोगरा सहित अन्य अभिभावक भी पहुंच गए और पुलिस को भी इसकी सूचना दी। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची बीएसएल थाना पुलिस ने अभिभावकों के बयान दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी। पार्षद चिंता डोगरा और अभिभावकों ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि स्कूली वाहनों की निरंतर चेकिंग की जाए ताकि कोई अनहोनी घटना न घटे।