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हिमाचल : आखिरकार, पिता और बेटे का सपना होगा साकार, थौना प्लौन पावर प्रोजेक्ट को पूर्ण रूप से मिली फॉरेस्ट क्लीयरेंस…!!!

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डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी

पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय पंडित सुखराम व उनके बेटे विधायक अनिल कुमार द्वारा बरसों पूर्व देखा गया सपना साकार होने जा रहा है। कोटली उपमंडल के कून का तर में प्रस्तावित 191 मेगावाट थौना प्लौन हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए पूर्ण रूप से फॉरेस्ट क्लीयरेंस आ चुकी है। पहले चरण की क्लीयरेंस पहले मिल गयी थी, लेकिन अब पूर्ण रूप से फोरेस्ट क्लियरेंस आने से इस परियोजना की अंतिम बाधा भी पार ही गयी है। इस परियोजना को धरातल पर उतरने के लिए अब जल्द भूमि का अधिग्रहण शुरू किया जाएगा, जिसमें निजी भूमि का भी अधिग्रहण किया जाएगा। यह जानकारी वीरवार को मंडी में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत के दौरान सदर विधायक अनिल शर्मा ने दी। विधायक ने कहा की आज उनके लिए ये एक खुशी के साथ साथ एक भावनात्मक पल भी है। उनके पिता स्व. पंडित सुखराम ने बहुत सालों पहले इस परियोजना का सपना देखा था और उन्होंने इस सपने को पूर्ण करने की सोच के साथ निरंतर इस पर कार्य किया। आज उनके आशीर्वाद व प्रदेश सरकार के सहयोग से यह परियोजना जमीन पर उतरने जा रही है।फॉरेस्ट क्लियरेंस के आ जाने से अब इस परियोजना के निर्माण को गति मिलेगी।

अनिल शर्मा ने कहा कि परियोजना के भूमि अधिग्रहण के लिए विभागीय अधिकारियों को आदेश दे दिए गए हैं। इस परियोजना के शुरू होने से जहाँ बेरोजगार युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे, वहीँ लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड (लाड़ा) के तहत विद्युत उत्पादन से अर्जित राशि का एक प्रतिशत क्षेत्र के विकास पर खर्च किया जाएगा। इसके साथ ही सरकार को भी विद्युत उत्पादन से आर्थिकी में भी इजाफा होगा। सदर के साथ द्रंग, जोगिंदर नगर व धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता को इस प्रोजेक्ट का लाभ मिलेगा। वहीं बरसात के दौरान बहे कून का तर पुल को भी इसी प्रोजेक्ट के तहत नए सिरे से बनाया जाएगा।

बता दे कि कोटली उपमंडल के कून का तर में वर्ष 2009 में 191 मेगावॉट थौना प्लौन हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट की घोषणा गयी थी। प्रदेश सरकार ने इस प्रोजेक्ट के निर्माण का जिम्मा हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को सौंपा है। इस प्रोजेक्ट की डीपीआर दिसंबर 2013 में तकनीकी और आर्थिक मंजूरी के लिए केंद्रीय भूजल बोर्ड को भेजी गई थी। एक दशक के बाद इस प्रोजेक्ट के लिए पूर्ण रूप से फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिल पाई है। 191 मेगावाट की इस परियोजना में 1500 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट के निर्माण में 406.79 हेक्टर वन विभाग की भूमि के अलावा निजी भूमि का भी अधिग्रहण किया जाएगा।

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