हिमाचल की लुड्डी ने जमाया रंग, लूटी ब्यूटीफुल सिटी चंडीगढ़, 13 वें राष्ट्रीय शिल्प मेले का आगाज…!!!

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डेली हिमाचल न्यूज़ : चंडीगढ़ – मंडी

13वें राष्ट्रीय शिल्प मेले का चंडीगढ़ के कलाग्राम में गत शाम भव्य शुभारंभ हो गया। इस मौके पर पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने बतौर मुख्य अतिथि पहुंचकर मेले का पारंपरिक व विधिगत उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारा देश पूरे विश्व में विविधताओं में एकता का प्रतीक है। इस तरह के क्राफ्ट मेले के जरिये देश की कलाकृतियों व संगीत लहरियों के माध्यम से भारत की पुरातन कला व संस्कारों को नव जीवन मिलता है। आज की युवा पीढ़ी अपनी पुरातन लोक संस्कृति को भूलती जा रही है। ऐसे में युवाओं को विभिन्न राज्यों की संस्कृति और शिल्पकारी को करीब से जानने का मौका मिलता है। इस मौके पर सुरमयी शाम का आगाज लोक और शास्त्रीय नृत्य पर आधारित अध॑स्वागतम व “फिनाले” से हुआ जिसमें मांडव्य कला मंच के कलाकारों ने 18 राज्यों के 200 कलाकारों के साथ मनमोहक प्रस्तुति दी इसके अतिरिक्त मांडव्य कला मंच के कलाकारों ने हिमाचल की आभा विखेरते हुए मंडी जनपद के लोक नृत्य लुड्डी से भी खूब रंग जमाया।

मांडव्य कला मंच के 9 कलाकारों ने लिया भाग : कुलदीप गुलेरिया

हिमाचल का प्रतिनिधित्व करते हुए मंच के संस्थापक व संस्कृति कर्मी कुलदीप गुलेरिया ने बताया कि मांडव्य कला मंच के 9 कलाकारों आयुष, हरिचरण ,अमित, चेतन, कनिका, कोमल, श्रेया ठाकुर और श्रेया कुमारी ने नेशनल क्राफ्ट मेले में भाग लिया। और कलाग्राम में 27 नवंबर से एक दिसंबर तक अन्य राज्यों के कलाकारों के साथ दिल्ली से आए मशहूर कोरियोग्राफर संतोष नायर द्वारा तैयार करवाए गए अध॑स्वागतम व “फिनाले” की शानदार प्रस्तुति के लिए कलाकारों ने एनजेडसीसी के निदेशक व उनके कार्यक्रम अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। यह आयोजन उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला और चंडीगढ़ प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में प्रतिवर्ष होता है।

प्रदेश के बाहर भी कई पुरस्कार किए अर्जित :

गौरतलब है कि इस वर्ष कुलदीप गुलेरिया के नेतृत्व में मांडव्य कला मंच द्वारा जनवरी में राष्ट्रीय गणतंत्र दिवस दिल्ली, मार्च में राज्य स्तरीय नाटयोत्सव कुल्लू, अप्रैल में G-20 सम्मेलन धर्मशाला, सितंबर में क्षेत्रीय संस्कृति महोत्सव कोटा राजस्थान, अक्टूबर में लोक रंग उत्सव गोहाना हरियाणा आदि के साथ कुल्लू दशहरा में विदेशी कलाकारों के साथ मंडी ही नहीं बल्कि प्रदेश को कला क्षेत्र में गौरव व ख्याति दिलाते हुए प्रदेश व प्रदेश के बाहर अनेकों सम्मान व पुरस्कार अर्जित किए जा रहे हैं।

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