
डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी – इतिहास में पहली बार सुकेत रियासत की धरा पर शनिवार को मंडी जनपद के आराध्य बड़ा देव कमरूनाग और देव बाला कामेश्वर हलेल का महामिलन सैंकड़ों भक्तों की मौजूदगी में हुआ। देव कमरूनाग का सुकेत रियासत में पहली बार पहुंचने पर भक्तों ने पुष्प वर्षा से स्वागत किया। वहीं देवता के देवलू भी सुकेत रियासत के भक्तों की आवभगत देखकर भाव विभोर हैं। इस अवसर बड़ा देव कमरूनाग के गुर देवी सिंह ने बाला कामेश्वर के बाहोट में मंदिर की नींव शिला की विधिवत पूजा और चांदी की गज भी भेंट की। बड़ा देव कमरूनाग के गुर देवी सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी में इस बार बड़ा देव कमरूनाग भक्तों को ऐतिहासिक सेरी चाननी में दर्शन नहीं देंगे। भक्तों को देव कमरूनाग शिवरात्रि के दौरान दर्शनों के लिए टारना माता मंदिर में ही आना पड़ेगा। इसके उपरांत 8 दिनों के बाद देव कमरूनाग टारना माता मंदिर से सीधे भक्तों के घर आथित्य स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा कि देव कमरूनाग सुंदरनगर में पधारे हैं और लोगों द्वारा देवता का दिल खोल कर स्वागत किया गया है। देव कमरूनाग श्रधालुओं की हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं और संतान की प्राप्ति का आशीर्वाद देते हैं। क्षेत्र में देव कमरूनाग को वर्षा का देवता भी मानते हैं। उन्होंने कहा कि श्रधालुओं ने कई बार देवता से क्षेत्र का दौरा करने का न्योता दिया था जिसे इस बार देव कमरूनाग ने स्वीकार करते भक्तों के लिए सुकेत की धरा पर विराजमान हुए हैं।

मान्यतानुसार देव बाला कामेश्वर देव कमरूनाग के पुत्र हैं और स्थानीय भाषा में इन्हें बाला टिक्का भी कहा जाता है। देवता के सुकेत पहुंचने पर सम्मान में भव्य देउली (धाम) का आयोजन किया गया। देवता के मिलन को देखने के लिए सुंदरनगर शहर के लोग एकत्रित हो गए तथा शहर देव धुनों तथा देवता के जयकारों के साथ गुंजायमान हो गया। वहीं सुकेत सर्व देवता कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अभिषेक सोनी ने बताया कि देवता का सुंदरनगर सुकेत में आगमन पहली बार हुआ है तथा कारदारों तथा देवलुओ को किसी तरह की समस्या ना रहे उसका विषेश ध्यान रखा जा रहा है। रविवार सुबह बड़ा देव कमरूनाग मंडी शिवरात्रि को रवाना हो जाएंगे।


Author: Daily Himachal News
