डेली हिमाचल न्यूज़ : कांगड़ा
कोयले की खादान से ही हीरा निकलता है। इसी कहावत को सच कर दिखाया है नगरोटा सूरियां की काशवी गौतम ने. हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के नगरोटा सूरियां की काशवी गौतम आज क्रिकेट जगत में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं तथा उभरता हुआ सितारा बन कर सामने आई हैं। क्रिकेट की ऑलराउंडर काशवी गौतम को डब्ल्यूपीएल 2024 के लिए गुजरात जाइंट्स ने दो करोड़ की बोली लगाकर अपनी टीम में शामिल किया है। इससे उसके परिजनों में खुशी की लहर है। बतौर आलराउंडर खेलने वाली 20 वर्षीय काशवी गौतम के पिता सुदेश शर्मा व माता सीमा शर्मा बताते हैं कि काशवी गौतम को क्रिकेटर बनाने की उनकी कोई योजना नहीं थी। घर के बाहर गली में बच्चे क्रिकेट खेलते थे, तो उन्हीं के साथ काशवी गौतम भी खेलती थी। उन्हीं के साथ खेलते-खेलते काशवी गौतम की क्रिकेट में रुचि बनी और वह उन्हीं लड़को की टीम में उनके साथ खेलने लगी। काशवी गौतम की रूचि को देखते हुए उसके पिता सुदेश शर्मा ने सेक्टर-26 क्रिकेट अकादमी में उसे कोच नागेश गुप्ता.के पास भेजना शुरू कर दिया। लड़कियों के ज्यादा मैच न होने से कोच नागेश गुप्ता ने भी काशवी गौतम के खेल को निखारने के लिए कई स्थानीय स्तर के टूर्नामेंट में उसे लड़को की टीम में शामिल किया।
काशवी गौतम तब भी लडक़ों से बेहतर प्रदर्शन करती थीं। काशवी गौतम ने वर्ष 2016 में कोच नागेश गुप्ता के पास क्रिकेट बारीकियां सीखना शुरू किया तब वह 14 साल की थीं। काशवी ने गेंदबाजी में शुरू से ही स्विंग व स्टीकता और स्पीड पर काम किया, इसके साथ काशवी को बतौर आलराउंडर बनाने के लिए उसने बल्लेबाजी पर भी मेहनत की। काशवी गौतम मैदान में टीम की जरूरत के हिसाब से अपना बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। सीनियर स्टेट, नोर्थ जोन और इंडिया-ए के लिए काशवी गौतम ने काफी बेहतर प्रदर्शन किया। काशवी गौतम ने बीसीसीआई टूर्नामेंट में खुद को साबित किया है। इसी वजह से आज उसने यह मुकाम हासिल किया है। काशवी ने कहा कि इंटरनेशनल टीम में भाग लेकर खेलना उनका लक्ष्य है, जिसको हर हाल में पूरा करना है।