
डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी – सुंदरनगर – हिमाचल प्रदेश में हर वर्ष हजारों वर्गमीटर वन क्षेत्र आग लगने के कारण बर्बाद हो जाता है। इससे जहां वनों को नुकसान पहुंचा है वहीं इसमें कई जीव-जंतुओं की मौत भी हो जाती है। इस समस्या को लेकर वन विभाग द्वारा कई प्रकार के ऐहतियातन कदम बेशक उठाए जाते हैं। लेकिन विभाग पूरी तरह से लगाम लगाने में अभी तक सफल नहीं हो पाया है। अब वन विभाग हिमाचल प्रदेश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई टेक्नोलॉजी के माध्यम से वनों की आग से बचाव करेगा। हिमाचल प्रदेश में सबसे पहले हमीरपुर जिला में एआई टेक्नोलॉजी के माध्यम से वन में आग लगने की सूचना तुरंत विभाग तक पहुंचने को लेकर एक पायलट प्रोजेक्ट पर कार्य किया जा रहा है।

हिमाचल प्रदेश के प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फारेस्ट समीर रस्तोगी ने कहा कि एआई टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए जंगल में सेंसर लगाए जाएंगे और आग लगने पर विभाग को तुरंत सूचना प्राप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी सेटेलाइट से आधे घंटे से 10 घंटे बाद आग लगने की सूचना प्राप्त करने में देरी हो जाती है। इस कारण आग काफी ज्यादा क्षेत्र में फैली चुकी होती है और उसे काबू में लाना मुश्किल हो जाता है। समीर रस्तोगी ने कहा कि प्रदेश में लोगों को बंदरों के आतंक से बचाने के लिए वन क्षेत्र में 60 प्रतिशत फलदार पौधों का पौधारोपण किया जाएगा। इससे बंदरों को जंगल में ही खाने की व्यवस्था हो जाएगी और खेतों की ओर आने वाले वन्य प्राणी वापिस जंगल लौट जाएंगे।


Author: Daily Himachal News
