मंडी (DHN24×7)
मंडी जिला की तहसील बलद्वाड़ा के तहसीलदार को सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने वाले लोगों को लाभ पहुंचाने के आरोपों को लेकर विभाग द्वारा सस्पेंड कर दिया गया है। उपायुक्त मंडी की जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रधान सचिव राजस्व डॉ. ओंकार शर्मा ने कार्रवाई अमल में लाई है। जारी आदेश में सस्पेंड होने के बाद तहसीलदार अमर सिंह का मुख्यालय मंडलायुक्त मंडी कार्यालय में फिक्स किया गया है। उसमें यह भी साफ किया गया है कि वह बिना मंडलायुक्त की मंजूरी के हेडक्वाटर नहीं छोड़ सकेंगे।
बता दें कि जिला मंडी तहसील बलद्वाड़ा के तहसीलदार अमर सिंह पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के 49 मामलों के नियमितिकरण के वक्त गैर जिम्मेदाराना ढंग से कार्य किया। अब तक की जांच में सामने आया है कि तहसीलदार अमर सिंह ने जानबूझकर पर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने वालों को फायदा पहुंचाया है। जांच रिपोर्ट के अनुसार तहसीलदार अमर सिंह ने बिना उचित परिश्रम और हिमाचल प्रदेश राज्य को सुनवाई का कोई अवसर दिए बिना कई अतिक्रमणकारियों के कब्जे नियमित किए हैं। उपायुक्त मंडी ने तहसीलदार का आचरण भी ठीक नहीं होने की बात कही है। इसलिए उन्होंने तहसीलदार के खिलाफ सीसीएस नियम 1965 के तहत कार्रवाई करने और इस मामले की विस्तृत जांच की सिफारिश की है।
मामले में एसडीएम सरकाघाट की रिपोर्ट में भी तहसीलदार द्वारा अनियमित्ता बरतने की बात कही गई है। बताया गया है कि केवल 14 मामले ही अतिक्रमण संस्था रजिस्टर रिपोर्ट में दर्ज किए गए हैं। जबकि इंतकाल के कई नंबर नकली या काल्पनिक बताए जा रहे हैं। ऐसे कई नंबरों का कार्यालय में कोई रिकार्ड नहीं है।
सरकार ने केन्द्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1965 के नियम 10 के उप-नियम (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अमर सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और उनका मुख्यालय मंडलायुक्त मंडी कार्यालय में फिक्स कर दिया है।