डेली हिमाचल न्यूज़ – मंडी – पंडोह – विशाल वर्मा – पानी छोड़ने के लिए जैसे ही पंडोह डैम के गेट खुलेंगे तो उसी समय डैम से लेकर मंडी शहर तक जोर से हूटर बज जाएंगे। इससे लोग उसी समय अलर्ट हो जाएंगे। बीबीएमबी प्रबंधन इसके लिए पंडोह डैम पर अरली वॉरनिंग सिस्टम को लगाने जा रहा है। यह जानकारी बीबीएमबी के अधीक्षण अभियंता ई. अजयपाल सिंह ने पंडोह डैम में बीएसएल परियोजना के 48वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह के उपरांत मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान दी। उन्होंने बताया कि सेंसर बेसड इस अरली वॉरनिंग सिस्टम का टेंडर लगा दिया गया है और अगले दो महीनों में इसे स्थापित कर दिया जाएगा। पंडोह डैम से लेकर मंडी शहर तक ब्यास नदी के किनारे 6 हूटर लगाए जाएंगे। यह हूटर न सिर्फ बजेगा बल्कि इससे आवाज के माध्यम से संदेश प्रसारित करने का भी प्रावधान होगा। हूटर ओमनीडायरेक्शनल होगा जो चारों दिशाओं में सुनाई देगा। इससे पहले यह हूटर सिर्फ पंडोह डैम और बाजार के आसपास ही बजता था लेकिन उसे मैनुअली बजाना पड़ता था। अब यह ऑटोमेटिक सिस्टम लगाया जा रहा है।
अजयपाल सिंह ने स्पष्ट किया कि पंडोह डैम कोई स्टोरेज डैम नहीं बल्कि डायवर्शन डैम है। यहां से बग्गी के लिए पानी भेजने के लिए जो टनल बनाई गई है उससे 8500 क्यूसेक पानी भेजा जाता है जबकि बाकी पानी ब्यास नदी में ही छोड़ना पड़ता है। इसलिए लोगों को बरसात के दौरान ब्यास नदी या अन्य सभी प्रकार के नदी नालों से दूर रहना चाहिए क्योंकि इस दौरान कब जलस्तर बढ़ जाए उसका कोई पता नहीं चलता।
अजयपाल सिंह ने बताया कि पंडोह के पास जहां-जहां रिहायशी एरिया है वहां पर सुरक्षा दीवार लगाने की प्रपोजल पर काम चल रहा है। इसकी ड्राईंग बना दी गई है और जल्द ही इसे फाइनल अप्रवूल के लिए भेजा जाएगा। फाइनल अप्रवूल आने के बाद पैसों की स्वीकृति होते ही इस कार्य को शुरू कर दिया जाएगा। अनुमानतः यह प्रोजेक्ट 8 से 10 करोड़ का होने वाला है। उन्होंने बताया कि बीबीएमबी में जो पार्ट टाइम वर्कर हैं उनके बारे में भी प्रबंधन विचार कर रहा है और इसपर भी जल्द ही कोई निर्णय ले लिया जाएगा।
48वें स्थापना दिवस पर बीएसएल परियोजना निर्माण के दौरान शहीद होने वालों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। बीबीएमबी के अधिकारियों ने इस अवसर पर विश्राम गृह पण्डोह में पौधारोपण भी किया। कार्यक्रम अधीक्षण अभियन्ता डेहर पावर हाउस विकास शर्मा, अति. अधीक्षण अभियंता एस.पी. शर्मा, उप-मुख्य लेखाधिकारी वी.के. चावला, वरिष्ठ कार्यकारी अभियन्ता पी.सी. चौहान, राजेश गुप्ता, विवेक चोपड़ा, दिनेश यादव, गुलशन मान सहित परियोजना के कई अधिकारी, कर्मचारी तथा स्थानीय लोग उपस्थित रहे।