डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी
मंडी जिला में आपदा प्रभावितों को राहत राशि बांटने के कार्य को रोक दिया गया है। प्रशासन सभी प्रभावितों की पहले वैरिफिकेशन करवा रहा है। इस वैरिफिकेशन के बाद ही प्रभावितों के खातों में राहत राशि का पैसा जमा किया जाएगा। दरअसल प्रशासन के पास कुछ ऐसी शिकायतें पहुंची जिसमें कहा गया कि अपात्र लोगों को राहत राशि का पैसा बांटा जा रहा है। इन शिकायतों पर जिला प्रशाासन ने तुरंत प्रभाव से संज्ञान लेते हुए राहत राशि के आबंटन के कार्य को रोक दिया है। डीसी मंडी ने सभी एसडीएम और तहसीलदार को आदेश जारी कर दिए हैं कि जो भी प्रभावित हैं उनकी सही ढंग से वैरिफिकेशन की जाए। सबसे पहले पटवारी वैरिफिकेशन करेगा और उसे कानूनगो वैरिफाइ करेगा। यदि तहसीलदार या एसडीएम को उसमें कानूनगो की वैरिफिकेशन में कोई शंका नजर आती है तो फिर वो खुद मौके पर जाकर वैरिफिकेशन करेंगे। जब तक प्रभावित पूरी तरह से वैरिफाई नहीं हो जाता तब तक उसके खाते में राहत राशि जमा नहीं की जाएगी।
2400 गौशालाओं के पहुंच गए आवेदन :
बता दें कि मंडी जिला प्रशासन के पास पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकान प्रभावितों की संख्या 991 हो गई है जबकि आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकान प्रभावितों की संख्या 2800 पहुंच चुकी है। गौशाला क्षतिग्रस्त होने पर अब 50 हजार की राशि देने का प्रावधान किया गया है। ऐसे में अब जिला प्रशासन के पास 2400 मामले गौशालाओं के पहुंच गए हैं। लेकिन इन सबके के बीच शिकायतें भी पहुंच गई और उनपर कार्रवाई करते हुए राहत राशि के आबंटन पर रोक लगा दी गई है।
अपात्र को गई होगी राशि तो की जाएगी रिकवरी :
डीसी मंडी अरिंदम चौधरी ने बताया कि अभी तक 3800 से ज्यादा प्रभावितों को राहत राशि बांटी जा चुकी है। 4 हजार से ज्यादा मामले अभी लंबित है। शिकायतें मिलने के बाद हर चीज को वैरिफाई किया जा रहा है। वैरिफिकेशन के बाद ही राशि बांटी जाएगी। यदि किसी अपात्र को राशि आबंटित हुई होगी तो उससे हर हाल में रिकवरी की जाएगी।