डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी – सुंदरनगर
सुंदरनगर में शुक्रवार को सरकार व बोर्ड के खिलाफ लामबंद होते हुए अधिकारियों व कर्मचारियों ने तीसरे दिन जोरदार प्रदर्शन करते हुए पहले तो बोर्ड के प्रबंध निदेशक की शव यात्रा निकाली और फिर पुतला फूंक स्यापा किया। इस मौके पर कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह पहली बार है कि बिजली बोर्ड में न तो अधिकारियों व कर्मचारियों को इस बार समय पर वेतन मिला है और न ही पेंशन। उन्होंने सरकार पर बोर्ड को खत्म करने की साजिश करने का आरोप लगाया है। कहा कि न तो मुख्यमंत्री उनकी सुध ले रहे है और न बोर्ड के प्रबंध निदेशक। जिसके कारण वेतन व पेंशन पाने के लिए उन्हें सड़क पर उतरने को मजबूर होना पड़ा है। हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इंप्लाइज यूनियन के पूर्व प्रदेश उप महामंत्री जगमेल सिंह ने कहा कि एक ओर जहां पूर्व सरकार ने उपभोक्ताओं को 125 यूनिट प्रतिमाह बिजली मुफ्त देकर बिजली बोर्ड को घाटा में लाकर खड़ा कर दिया तो दूसरी तरफ वर्तमान सरकार ने अगर अपने चुनावी वायदा को पूरा करने के लिए 300 यूनिट बिजली प्रतिमाह मुफ्त दी तो बोर्ड का दिवालिया ही निकल जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने बिजली मुफ्त देनी तो दे लेकिन उसपर होने वाला खर्च बोर्ड को अदा किया जाए। बोर्ड में ओपीएस भी अभी तक लागू नहीं हुई है।
यूनियन की सुंदरनगर इकाई के प्रधान कनव राणा व सचिव रमेश कुमार ने कहा कि 52 साल में पहली बार ऐसा हुआ है कि समय पर बिजली बोर्ड में समय पर वेतन जारी नहीं हुआ है। इसके साथ ही निदेशक का पद भरने को लेकर भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। उन्होंने सरकार को चेताया है कि अगर बोर्ड के वर्तमान स्वरुप के साथ कोई भी छेडख़ानी की गई तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।