
डेली हिमाचल न्यूज़ : सुंदरनगर – सुंदरनगर उपमंडल के अंतर्गत आने वाले धनेश्वरी गांव के कारगिल अमर शहीद नरेश कुमार की प्रतिमा लगभग 21 साल के लंबे संघर्ष के बाद स्थापित तो कर दी गई, लेकिन अभ उनकी वास्तविकता और पहचान धूमिल हो गई है। क्षेत्र के युवा समाजसेवी चमन ठाकुर ने कहा की इस ओर प्रशासन की ओर से ध्यान न देना शहीदों के अपमान को दर्शाता है। जिस तरह से राष्ट्रीय स्मारकों की अपनी प्रासंगिकता है। उसी तरह से देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर बलिदानियों की भी अपनी अहमियत है। अनदेखी का शिकार होने के कारण इस योद्धा की प्रतिमा की टोपी, कंधों और जूतों से रंग उड़ गया है। शहीदों की प्रतिमा के साथ इस तरह की अनदेखी नगर परिषद और प्रशासन के लिए शर्मनाक विषय है। शहीदों की वर्दी के रंग की मुरम्मत भी समय समय पर करवाने से यह उनकी वास्तविक पहचान के लिए अति आवश्यक है। उन्होंने सुंदरनगर प्रशासन और नगर परिषद से मांग की है। जल्द से जल्द शाहिद की प्रतिमा को दुरुस्त करवाया जाए। उन्होंने कहा की शहीद के अपमान को जल्द दूर नही किया गया प्रशासन के खिलाफ अन्य समाजसेवी संस्थाओं के साथ एकजुट होकर आवाज बुलंद की जाएगी।
मामले को लेकर जब नगर परिषद सुंदरनगर के कार्यकारी अधिकारी हितेश कुमार से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मामला ध्यान में आया है। उन्होंने कहा कि मौके का निरीक्षण कर जो भी कमियां होगी उन्हें दुरुस्त करवा दिया जाएगा।


Author: Daily Himachal News
