मंडी: पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने और शारिरिक उत्पीड़न पर कठोर करावास की सजा…!!!

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डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी – सुंदरनगर

अतिरिक्त सत्र न्यायालय सुंदरनगर ने शुक्रवार को आरोपी पति को पत्नी का शारिरिक उत्पीड़न और आत्महत्या करने के लिए उकसाने के एक महत्वपूर्ण मामले में आईपीसी की धारा 306 में 7 वर्ष के कठोर कारावास के साथ 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। इसके साथ न्यायालय ने आरोपी पति को पत्नी का शारिरिक उत्पीड़न करने पर आईपीसी की धारा 498-ए में 2 वर्ष का कठोर कारावास और 5 हजार रुपए जुर्माने की सजा भी सुनाई है। वहीं न्यायालय द्वारा जुर्माना अदा ना करने की सूरत में 6 महीने के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय द्वारा दोषी सीता राम निवासी गांव और डाकघर जडोल तहसील सुंदरनगर जिला मंडी को सुनाई दोनों सजाएं बराबर चलेंगी। जानकारी देते हुए उप जिला न्यायवादी सुंदरनगर विनय वर्मा ने कहा कि 10 अगस्त 2014 को सिविल अस्पताल सुंदरनगर में एक महिला को जली हुई अवस्था में लाया गया। इस पर पुलिस थाना सुंदरनगर में सूचना मिलने पर कार्रवाई शुरू कर दी। मामले में पुलिस थाना सुंदरनगर सब इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार ने कार्रवाई अमल में लाई गई।

पीड़ित महिला सीमा देवी पत्नी सीताराम निवासी गांव व डाकघर जडोल तहसील सुंदरनगर जिला मंडी ने पुलिस और डाक्टर के समक्ष अपना ब्यान दर्ज करवाया गया। पीड़िता महिला ने उसके पति द्वारा मारपीट और गालीगलौज से तंग आकर अपने ऊपर मिट्टी का तेल छिड़क कर खुद को आग लगाने को लेकर ब्यान दर्ज करवाया गया था। इससे तंग आकर पीड़ित महिला ने आत्महत्या करने का मन बना लिया था। मामले में पीड़िता को 85 प्रतिशत जलने के कारण हालत गंभीर होने पर सिविल अस्पताल सुंदरनगर से पीजीआई चंडीगढ़ रैफर कर दिया गया। जहां 16 अगस्त 2014 को सीमा देवी की मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी पति सीताराम के खिलाफ आईपीसी की धारा 498-ए और 306 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया। पुलिस की जांच में आरोपी द्वारा पहले भी महिला का शारिरिक उत्पीड़न करने की शिकायत थाना में दर्ज होने का रिकॉर्ड भी प्राप्त हुआ था। जांच पूर्ण होने पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 498-ए और 306 में चालान तैयार कर कोर्ट में पेश किया गया। विनय वर्मा ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा मामले में न्यायालय के समक्ष 22 गवाहों के ब्यान दर्ज करवाए गए। वहीं न्यायालय ने दोनो पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उपरोक्त सजाएं सुनाई हैं।

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