
डेली हिमाचल न्यूज़ – मंडी – सुंदरनगर : सुंदरनगर की बीएसएल झील में लगातार बढ़ती गाद अब सुंदरनगर, बल्ह घाटी और सुकेती खड्ड के लिए गंभीर खतरा बन गई है। गाद के कारण उपजाऊ भूमि की उत्पादकता घट रही है और किसानों की आजीविका प्रभावित हो रही है। सुंदरनगर डेवलपमेंट प्रोग्रेसिव फोरम के अध्यक्ष उमेश गौतम ने कहा कि यह समस्या अब बीएसएल परियोजना और भाखड़ा बांध की क्षमता तक को प्रभावित कर रही है।
उन्होंने बीबीएमबी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि तीन-तीन ड्रेजर चलाने के बावजूद झील में लाखों टन गाद जस की तस बनी हुई है। निकाली गई गाद को खड्डों में फेंकने से जलस्रोत, खेत और पर्यावरण प्रभावित हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीमित समय के लिए गाद निष्कासन की अनुमति होने के बावजूद उचित निपटान न होने से गाद दोबारा जलधाराओं में लौट आती है। फोरम ने सरकार और बीबीएमबी को गाद को संसाधन के रूप में उपयोग करने का सुझाव दिया है। इसके तहत लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई और ग्रामीण सड़क परियोजनाएं इसे फिलिंग मटीरियल के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं। गाद को खेतों की मिट्टी में मिलाकर बंजर भूमि को उपजाऊ बनाया जा सकता है और पार्कों व हरित पट्टियों में भी इसका उपयोग संभव है।

फोरम ने सिल्ट आधारित स्टार्टअप शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा है, जिसके तहत सिल्ट से ईंटें, ब्लॉक और मृदा सुधारक उत्पाद बनाए जा सकते हैं। इससे स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। गौतम ने बताया कि फोरम जल्द ही बीबीएमबी चेयरमैन को सिल्ट प्रबंधन पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगा।
Author: Daily Himachal News
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