डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी – पंडोह – विशाल वर्मा – बरसात का मौसम शुरू हो गया है और प्रदेश में इससे नुकसान भी होने लग गया है। पिछली बरसात में चंडीगढ़-मनाली हाईवे पर मंडी से पंडोह के बीच 6 और 9 मील ने जो कहर बरपाया था उसे याद करके हर किसी की रूह कांप जाती है। मंडी से पंडोह के बीच 4 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था जिसमें एक नन्हा मासूम भी शामिल था। लेकिन यहां पर फोरलेन के निर्माण कार्य में जुटी केएमसी कंपनी इस बार और बड़े हादसे और अनहोनी का इंतजार कर रही है। 6 और 9 मील के पास कंपनी ने पिछली बरसात में गिरे मलबे के कुछ हिस्से को अभी तक सिर्फ खाना पूर्ति के लिए हटाया है और बाकी मलवा वैसे ही पड़े रहने दिया है जो इस बार कहर बनकर गिरने वाला है। कंपनी प्रबंधन ने इन दोनों जगहों से अपनी मशीनरी भी हटवा दी है। कंपनी प्रबंधन को एनएचएआई और जिला प्रशासन की कई बार फटकार के बाद भी कोई असर नहीं पड़ा। सड़क को बहाल करने के सिवाय कंपनी प्रबंधन ने और कोई भी काम नहीं किया है। आलम यह है कि पहाड़ी पर लटकते पत्थर और उसके साथ वाला मलबा बरसात के पानी के साथ सीधा हाईवे पर आकर गिरने वाला है। इससे जहां हाईवे यातायात के लिए बंद हो जाएगा वहीं किसी बड़े हादसे का अंदेशा जताने से भी इनकार नहीं किया जा सकता। कंपनी प्रबंधन के इस ढुलमुल रवैये का खामियाजा इस हाईवे पर सफर करने वालों को भुगतना होगा।
हो गया लैंडस्लाइड तो कौन हटाएगा, कंपनी का कोई इंतजाम नहीं :
बरसात के दौरान यहां पर लैंडस्लाइड के कारण यदि मलबा गिरता है तो उसे हटाने के लिए भी कंपनी की तरफ से कोई पुख्ता बंदोबस्त नहीं किए गए हैं। जहां पर लोक निर्माण विभाग और निर्माण कार्य कर रही अन्य कंपनियों ने सेंसटिव एरिया में अपनी मशीनरी पहले से ही तैनात कर दी है वहीं केएमसी कंपनी को इसकी भी कोई परवाह ही नहीं है। कंपनी प्रबंधन को शायद इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि यहां उनकी लापरवाही के कारण रास्ता बंद होता है तो लोगों को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। कंपनी प्रबंधन को प्रशासन की फटकार का भी कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। साथ लगती ग्राम पंचायत जागर के प्रधान भूषण कुमार ने बताया कि यहां मलबा हटाने की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया है। इन्होंने प्रशासन से मांग उठाई है कि केएमसी कंपनी को इस मलबे को जल्द से जल्द हटाने के सख्त निर्देश दिए जाएं ताकि यहां पर बरसात के दौरान किसी भी बड़े हादसे को रोका जा सके।
प्रबंधन में जुटी है कंपनी :
वहीं, जब इस बारे में केएमसी के प्रोजेक्ट मैनेजर राज शेखर से बात की गई तो उन्होंने फिर वहीं घिसा-पिटा जबाव देकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा कि कंपनी सारी व्यवस्थाओं के प्रबंधन में जुटी हुई है। सड़क यातायात के लिए पूरी तरह से बहाल है। यदि मलबा गिरता है तो उसे तुरंत हटाने के लिए मशीनरी भेज दी जाएगी।